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Fri, Dec 19, 2025

बड़वाह में पंचकोशी यात्रा का हुआ आगमन, श्रद्धालुओं में दिखा उत्साह, पुलिस बल रहे तैनात

Written by:Sanjucta Pandit
Published:
ओंकारेश्वर से 11 नवंबर को शुरू हुई पांच दिवसीय यात्रा का तीसरे दिन बड़वाह में आगमन हुआ, जहां हजारों श्रद्धालु नर्मदा नदी पार करके यहां पहुंचे थे।
बड़वाह में पंचकोशी यात्रा का हुआ आगमन, श्रद्धालुओं में दिखा उत्साह, पुलिस बल रहे तैनात

Panchkoshi Yatra : मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के बड़वाह में 49 वीं मां नर्मदा की लघु परिक्रमा पंचकोशी यात्रा के तीसरे दिन श्रद्धालुओं में काफी ज्यादा उत्साह देखने को मिला। बता दें कि ओंकारेश्वर से 11 नवंबर को शुरू हुई पांच दिवसीय यात्रा का तीसरे दिन बड़वाह में आगमन हुआ, जहां हजारों श्रद्धालु नर्मदा नदी पार करके यहां पहुंचे थे। इस दौरान टोकसर से नाव द्वारा नर्मदा पार कर सेमरला में उतरने पर पुलिस एसडीओपी अर्चना रावत और उनकी टीम श्रद्धालुओं की मदद करती नजर आई।

बता दें कि कई किमी लंबी पंचकोशी यात्रा के दौरान काफी ज्यादा पैदल चलना है। इसके अलावा नांव से नदी भी पार करनी है। पथरीले रास्तों से भी निपटना है, लेकिन भक्तों के चेहरे पर कोई थकावट नहीं नजर आ रही।

प्रशासन का अनुमान

यात्रा के दौरान भक्त भजन गाते हुए एक साथ चलते रहे। कई श्रद्धालु सेमरला से मुराल्ला होते हुए विमलेश्वर के दर्शन कर बड़वाह की ओर बढ़े। सभी उम्र के यात्री “नर्मदे हर” के जयघोष के साथ आगे बढ़ रहे थे। प्रशासन द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल यात्रा में करीबन 35 हजार से ज्यादा यात्रि शामिल हुए हैं। बड़वाह में कृषि उपज मंडी, नगर पालिका परिसर और नागेश्वर मंदिर में यात्रियों के ठहरने और भोजन की व्यवस्था की गई थी। इस दौरान यात्रियों ने यहां दाल बाटी, रोटी, चावल बनाकर भोजन का आनंद लिया। रात के विश्राम के बाद भक्त सिद्धवरकुट के लिए रवाना हो गए।

एसडीओपी ने दी ये जानकारी

एसडीओपी अर्चना रावत ने बताया कि बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन मंगलवार और बुधवार दोनों दिन जारी रहा। सुरक्षा के लिए टोकसर और सेमरला घाट पर पुलिस बल और एसडीईआरएफ की टीम तैनात थी। वहीं, शहर में भी प्रशासन द्वारा यात्रियों के लिए बड़े पैमानें पर व्यवस्थाएं जुटाई गई। यात्रा के दौरान एडिशनल एसपी मनोहर सिंह बारिया, एसडीएम पीके अगास्या, तहसीलदार शिवराम कनासे, थाना प्रभारी बलराम सिंह राठौर और अन्य अधिकारी तैनात रहे।

खरगोन, बाबूलाल सारंग