Khargone News : 60 करोड़ रुपए की सरकारी भूमि से हटाया गया अतिक्रमण

Amit Sengar
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Khargone Encroachment News : शासकीय भूमि से अवैध कब्जाधारियों को हटाने की मुहिम पूरे प्रदेश भर में लगातार जारी है। इसी क्रम में खरगोन जिले के भीतर बेशकीमती शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। वर्षाें से शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया गया था। जमीन का अनुमानित बाजार मूल्य करीब 60 करोड़ रुपये है।

यह है मामला

बता दें कि बेशकीमती शासकीय भूमि पर कृषि फार्म बनाकर योगेश ठक्कर द्वारा जमीन का उपयोग करना पाया गया। इस फार्म में अतिक्रमण कर 2.0 बाय 40 फीट क्षेत्र में रखे गए सूखे चारे, 30 बाय 40 फीट में बने भवन और 25 बाय 60 फीट में स्थापित टीन शेड लगाकर उपयोग किया जा रहा था और इसके अलावा अन्य क्षेत्र में कृषि भूमि करते पाया गया। मौके पर कलेक्टर कुमार एसडीएम सिंह और नगर पालिका सीएमओ प्रियंका पटेल को पूरी भूमि खाली करा कर भूमि को शासकीय अधिपत्य में लेने के निर्देश दिए हैं।

Khargone News : 60 करोड़ रुपए की सरकारी भूमि से हटाया गया अतिक्रमण

गौरतलब है कि कलेक्टर के निर्देशन में बुधवार को तीन विभागों की संयुक्त कार्रवाई में कुल 11 एकड़ 76 डेसीमल भूमि अतिक्रमण से मुक्त कराई गई है। कलेक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि यह भूमि शासकीय रिकार्ड में प्रबंधक कलेक्टर के नाम से दर्ज है। इस पर बिना किसी अधिकार के कब्जा किया गया था। अतिक्रमण हटाकर शासकीय स्वामित्व में भूमि को लिया जाएगा। वहीं एसडीएम ने बताया कि खसरा नंबर 102 व 104 पटवारी हल्का पांच की कुल 11.एकड़ 76 डेसीमल भूमि के स्वामी प्रबंधक कलेक्टर हैं। मांगरूल रोड़ स्थित भूमि पर मां बाघेश्वरी कृषि मार्फ बनाकर योगेश ठक्कर द्वारा अतिक्रमण किया गया था।

अतिक्रमण कर्ता पर थाने में कई धाराओं में मामला दर्ज

उधर एसडीओपी ने बताया कि अतिक्रमण कर्ता पर वर्ष 2017 में मेनगांव थाने में कई धाराओं में मामला दर्ज हैं। इन मामलों को लेकर एसपी धर्मवीर सिंह ने कहा कि अतिक्रमणकर्ता पर 2017 में एट्रोसिटी एक्ट की विभिन्न धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध है। अब तक उस मामले में क्या कार्रवाई हुई है। इसकी जानकारी लेकर आगे वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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