खरगोन, डेस्क रिपोर्ट। दिवाली (Diwali) से पहले खरगोन प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 4 लाख का नकली मावा (adulterated mawa) पकड़ा है। देर रात एसडीएम की टीम और पुलिस प्रशासन ने बस स्टेंड पर ये कार्रवाई की। रतलाम (Ratlam) से खरगोन (Khargone) आई एक यात्री बस में लगभग 60 कट्टों में करीब 15 क्विंटल नकली मावा भरकर भेजा गया था और देर रात यहां उतरने वाला था। उससे पहले ही एसपी धर्मवीर सिंह द्वारा ये सूचना खरगोन एसडीएम ओम नारायण सिंह और खाद्य सुरक्षा अधिकारी को दी गई, जिसके बाद पुलिस के साथ मिलकर नकली मावे की ये बड़ी खेप पकड़ी गई है।
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जैसे जैसे दीपावली नजदीक आ रही है, मिलावटखोर भी सक्रिय हो गए हैं। त्यौहारों से पहले बाजारों में बड़ी तादाद में नकली खाद्य सामग्री खपाने की कोशिश की जाती है। इसी कोशिश को खरगोन प्रशासन ने नाकाम कर दिया जब मंगलवार देर रात उन्होने इतना सारा नकली मावा बरामद किया। हालांकि यहां से उन्हें कोई दस्तावेज नहीं मिले हैं और अब तक ये भी नहीं पता चल पाया है मावा किसने और किसे भिजवाया था। पुलिस अब मामले की तफ्तीश कर रही है और पता करने की कोशिश कर रही है कि इसके पीछे किसका हाथ है।
अगर ये मावा बाज़ार तक पहुंच जाता तो ज़ाहिर है कि लोगों के घरों तक भी पहुंचता। नकली मावे से बनी मिठाई सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह साबित हो सकती है। नकली या मिलावटी मावा बनाने के लिए डिटर्जेंट से लेकर कई तरह के हानिकारक पदार्थ मिलाए जाते हैं। सिथेंटिक दूध से तैयार मावा जिसे बनाने के लिए डिटर्जेट पाउडर, रिफाइंड व मोबिल आयल, एसेंट पाउडर, सोख्ता कागज़ जैसी कई अखाद्य सामग्री शामिल होती है। डॉक्टरों के मुताबिक इसे खाने से कई तरह की बीमारियां हो सकती है जिसमें संक्रमण, पेट की समस्या से लेकर किडनी और लीवर तक खराब हो सकता है। इसीलिए त्यौहारों पर बाजार से मावा, पनीर, दूध, घी, शहद जैसी वस्तुएं खरीदते समय सावधान रहें। अगर आपको मिलावट की आशंका हो तो पुलिस, स्थानीय प्रशासन या खाद्य विभाग को इसकी सूचना दें।