Khargone News : सांसद ज्ञानेश्वर पाटील गुरुवार को कैबिनेट मंत्री जगदीश देवड़ा के साथ खरगोन में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। तभी सासंद को ग्राम पंचायत नवलपुरा के लोगों ने घेर लिया। बता दें कि वो बीते कई वर्षों से अटकी पड़ी पुलिया निर्माण को लेकर बात करने गए थे। जिसकी स्वीकृति तात्कालीन सांसद नंद कुमार सिंह चौहान ने दिलाई थी। जिसके लिए करीब 32 लाख रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है लेकिन उसके बावजुद अब तक इसका निर्माण कार्य शुरु नहीं हो सका है। जिससे नाराज ग्रामीणों ने सांसद को घेरा और उनके बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली।
वहां मौजूद लोगों ने बहस करवाया शांत
इस दौरान सांसद ने कहा कि, “यदि हमारे प्रयास कमजोर है तो आप किसी और को देख लें। आगे सांसद ने ग्रामीणों से कहा कि, मेरी बात सुनो पहले तुमसे ज्यादा तेज बोल सकता हुं। तुम चिल्ला रहे हो तो बताओ चिल्लाने से क्या हो जाएगा? जो भी होगा प्रेम से ही होगा। हम यदि प्रयास नहीं कर रहे है तो बात अलग है।” तभी ग्रामीण ने कहा कि, “आप प्रयास नहीं कर रहे। हम पहले भी कितनी बार बोल चुके हैं, आप बोलते हैं कार्य के पीछे लगो तो कैसे पीछे लगे।” वहीं, बहस को वहां मौजूद लोगों ने समझाइश देकर शांत किया।
ग्रामीण ने दी ये जानकारी
नवलपुरा निवासी महिपाल सिंह तोमर ने बताया कि, “सांसद नंद कुमार ने हमारे यहां की पुलिया मंजूर की थी। उसको आज तीन साल हो गए। हम तब से इसके लिए पीछे लगे हुए हैं। इसके लिए लगभग 32 लाख रुपए की राशि से स्वीकृत हुई तब भी इसका काम शुरु नहीं हो सका है। हम इसको लेकर विधायक, सांसद से मिलते है तो वे कहते हैं लगे रहो, तो आखिर हम कब तक इसके लिए लगे रहेंगे। आगे उन्होंने बताया कि, नवलपुरा तक जाने वाले मार्ग की इस पुलिया के लिए सबकुछ तैयार है लेकिन कुछ कमियों के कारण यह काम रुका हुआ है। आज भी सांसद से मिले तो उनका कहना था कि, लगे रहो तो आखिर हमें भी बताएं कि हम कब तक और कैसे लगे रहें।
आखिर क्या है पुरा मामला
बता दें कि शहर से तकरीबन 6 किमी दुर ग्राम नवलपुरा के लोग बीते कई साल से पुलिया निर्माण की मांग कर रहे थे। गांववालों का कहना है कि यहां पुलिया ना होने के कारण बारिश के दिनों में इस गांव से जुड़े कई गांवों तक पहुंचने का मार्ग पुरी तरह से बाधित हो जाता है। इसके लिए ग्रामीण पिछले 14 साल से इसकी मांग कर रहे हैं। जिसके बाद, तात्कालीन सांसद ने अपने कार्यकाल में इस पुलिया को स्वीकृति दिलाई और इसके निर्माण के लिए 30 लाख चौंतीस हजार रुपए की मंजूरी भी मिल गई लेकिन कुछ राजनीतिक लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए निर्माण एजेंसी बदलवा दिया।
जिसके कारण पुलिया निर्माण का काम फिर से अटक गया है। मिली जानकारी के अनुसार, अब इस काम को इतनी कम राशि में कराने के लिए कोई ठेकेदार तैयार नहीं हो रहा है। इसलिए ग्रामीण लगातार प्रयास कर रहे हैं कि किसी भी तरह से इसकी स्वीकृत राशि को जनप्रतिनिधियों के माध्यम से या तो बढ़वा लिया जाए या फिर इतनी ही राशि में इसका निर्माण कार्य कर दिया जाए।
विधायक के प्रयास भी रहे विफल
ग्रामीणों ने बताया कि इसके लिए वह कुछ दिनों पहले ही विधायक सचिन बिरला से भी मिले थे। तब उन्हें इस बात से अवगत भी कराया था कि यदि इस पुलिया का निर्माण चुनाव के पहले तक नहीं होता है तो ग्रामीण चुनाव का बहिष्कार भी कर सकते हैं। मामले को समझते हुए विधायक ने कुछ निर्माण कार्य करने वालों को मौके पर भी भेजा था। इसमें भी यहीं निष्कर्ष निकल कर आया कि इतनी कम राशि में इसका निर्माण हो पाना संभव नहीं हैं। इसके चलते ही ग्रामीण गुरुवार को एक बार फिर सांसद से मिलने पहुंचे थे।
खरगोन से बाबूलाल सारंग की रिपोर्ट