यहाँ बनेगा मां कामाख्या मंदिर, किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने किया भूमिपूजन

Atul Saxena
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जबलपुर, संदीप कुमार। संस्कारधानी जबलपुर (Jabalpur News) में जल्दी ही मां कामाख्या का मंदिर (Temple of Maa Kamakhya) निर्माण शुरू होगा, आज सोमवार को मंदिर का भूमि पूजन किया गया जिसमें किन्नर समाज की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी (Kinnar Mahamandaleshwar Himangi Sakhi) सहित कई किन्नर शामिल हुए। किन्नर समाज के सदस्यों ने विधि विधान से पूजा कर मां कमाख्या से प्रार्थना की है कि मंदिर में आकर हर किसी का दुख दर्द दूर हो उन्हें शांति मिले। इस दौरान महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने मंदिर निर्माण करवा रही किन्नर माही शुक्ला (Kinnar Mahi Shukla) को आशीर्वाद देते हुए केंद्रीय किन्नर बोर्ड में सदस्य बनाने की घोषणा भी की।

मां कमाख्या मंदिर के भूमि पूजन में जबलपुर पहुँची महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने कहा कि जबलपुर में किन्नर समाज द्वारा माता का मंदिर बनवाया जा रहा है यह बहुत ही खुशी की बात है, उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए मैं तन-मन और धन से समर्पित हूँ। मुझसे मंदिर-आश्रम के लिए जो बन पाएगा मैं करूंगी।  उन्होंने कहा कि किन्नरों के लिए ओल्ड एज होम, स्कूल, हॉस्टल बने हम इसका प्रयास कर रहे हैं जिसको लेकर केंद्रीय मंत्रियों से भी बात हुई है।

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मीडिया से बात करते हुए हिमांगी सखी ने कहा कि जल्द ही केंद्रीय किन्नर बोर्ड का गठन होगा। उन्होंने कहा कि हम आज भले ही किन्नर हैं पर हमें भी तो 84 लाख योनि के बाद मनुष्य जन्म मिला है। हमारा भी कर्तव्य बनता है कि हम समाज के लिए कुछ करें जिसका उदाहरण आज माही शुक्ला हैं।

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वहीं किन्नर माही शुक्ला ने कहा कि हमारा समाज जो माता कामाख्या मंदिर बनवा रहा है यह पूरी तरह से समाज के लिए समर्पित रहेगा। लोगों की खुशियों में नाच गाकर हम आशीर्वाद देते हैं, यह मंदिर भी सभी लोगों के लिए खुशियों के लिए बनवाया जा रहा है। माता के मंदिर में किन्नर समाज के लोग प्रार्थना करेंगे कि सभी लोग स्वस्थ और खुश रहें।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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