Mandsaur News : न्याय के लिए दर-दर भटक रही मां-बेटी, आर्मी के जवान के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं

सबसे अहम बात ये है कि शक्ति को लेकर राहुल गांधी के बयान पर सोमवार ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की महिलाओं को शक्ति स्वरूपा बताया था और राहुल गांधी पर शक्ति के अपमान का आरोप लगाया था। लेकिन मंदसौर जिले में एक विधवा मां और बेटी प्रताड़ना की शिकार होकर दर-दर भटक रही है।

Pooja Khodani
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Mandsaur News : मंदसौर जिले में एक विधवा मां और बेटी न्याय के लिए दर-दर भटक रही है।दरअसल उत्तर प्रदेश में आर्मी में ऑपरेटर के पद पर पदस्थ एक जवान ने विधवा बेटी को विवाह के प्रलोभन में फंसा कर न केवल उसके साथ अश्लील चैट की बल्कि उसका शारीरिक शोषण भी किया। पुलिस ने इस मामले में FIR तो दर्ज कर ली लेकिन जवान के खिलाफ अभी तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं हुई है।

सबसे अहम बात ये है कि शक्ति को लेकर राहुल गांधी के बयान पर सोमवार ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की महिलाओं को शक्ति स्वरूपा बताया था और राहुल गांधी पर शक्ति के अपमान का आरोप लगाया था। लेकिन मंदसौर जिले में एक विधवा मां और बेटी प्रताड़ना की शिकार होकर दर-दर भटक रही है।

ये है पूरा मामला

  1. दरअसल विधवा मां ने अपनी बेटी की शादी एक शिक्षक से की थी जिसकी कुछ समय बाद मृत्यु हो गई और अब उसके 14 साल का बेटा है। 2 साल पहले. विधवा बेटी को jivansathi.com पर एक सेना में कार्यरत जवान अजीत सिंह से पहचान हुई और धीरे-धीरे दोनों के बीच बातचीत होने लगी।अजीत आर्मी मे ऑपरेटर की भूमिका में उत्तर प्रदेश में पदस्थ है  लेकिन वह जम्मू कश्मीर का निवासी है।
  2. अपनी बातों में फंसा कर उसे सेना के जवान अजीत ने इस बेटी के अश्लील फोटो अपने मोबाइल पर मंगा लिए और उससे अश्लील चैट भी करने लगा।कुछ दिन पहले वह मंदसौर आया और उसकी मां की अनुपस्थिति में उसके साथ लगातार तीन दिन तक शारीरिक संबंध भी बनाएं।इस बीच वह उसके मोबाइल से अश्लील चैट भी डिलीट कर गया। कुछ दिनों के बाद उसने इस लड़की के साथ बातचीत बंद कर दी और उसे ब्लॉक भी कर दिया।

जवान के खिलाफ केस दर्ज, लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं

  • पीड़ित लड़की ने इस मामले में वायडी नगर थाने में FIR के लिए आवेदन दिया लेकिन पुलिस ने 10 दिन के बाद इस मामले में कार्रवाई की और जवान के खिलाफ मामला दर्ज किया। लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक ना तो जवान की गिरफ्तारी हुई है और ना ही सेना से बर्खास्तखी के लिए पुलिस के द्वारा कोई पत्र लिखा गया है।
  • कई जनप्रतिनिधियों से गुहार करने के बाद भी इस मामले में कोई प्रभाव भी कार्रवाई नहीं हुई तो जनप्रतिनिधियों ने डीआईजी से बातचीत की और उन्होंने अब इस पूरे मामले में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। लेकिन इस पूरे मामले में मंदसौर पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल दिया निशान खड़े हो रहे हैं जिन्होंने इतने गंभीर मामले पर अब तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं की है और पीड़ित मां और बेटी को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।

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