EOW का एक और एक्शन, मंडी के लेखापाल को 20 हजार की रिश्वत लेेते किया गिरफ्तार

Amit Sengar
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Mandsaur News : मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई जारी है। इस बीच आयोजित प्रदेश के मंदसौर जिले में जो EOW द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई। जहां कृषि उपज मंडी में पदस्थ लेखपाल को 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। दरअसल, लेखापाल वशिष्ठ ने सफाई ठेकेदार से उसकी बकाया पांच माह की राशि का भुगतान करने के लिए 78 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। इसके बाद फरियादी रवि राठौर ने ईओडब्ल्यू को शिकायत की थी। मंदसौर पहुंचकर टीम ने जांच की। शिकायत सही पाई गई तो घेराबंदी कर प्लानिंग के साथ बुधवार को मंडी कार्यालय में पहुंचकर फरियादी से 20 हजार लेते हुए पकड़ा। ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के दौरान मंडी कार्यालय में हडकंप मच गया।

क्या है मामला

इस मामले में शिकायतकर्ता ने बताया कि ”मंडी के सफाई ठेके का नियमानुसार आवंटन किया जाना था। इसे लेकर वाल्मीकि कंस्ट्रक्शन फर्म पारस लाल राठौर के बेटे रवि राठौर ने जब हर माह सफाई के लिए मंडी से मिलने वाली राशि के भुगतान की मांग की तो लेखापाल हरीश वशिष्ठ ने 78 हजार रुपए की मांग की। इसके बाद 26 दिसंबर को रवि ने परेशान होकर ईओडब्ल्यू एसपी के पास पहुंचकर मामले की शिकायत की। इसके बाद ईओडब्ल्यू की टीम ने इस पर काम किया और बुधवार को मंदसौर टीम पहुंची। 3 जनवरी को 20 हजार रुपए के रुप में पहली किश्त देने के लिए फरियादी मंडी में पहुंचा और तभी लेखपाल को ईओडब्ल्यू की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया। EOW की कार्रवाई के बाद से रिश्वतखोर कर्मचारियों- अधिकारियों में दशहत का माहौल है।

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शिकायत मिलने के बाद ईओडबल्यू का एक्शन

इस मामले पर ईओडबल्यू डीएसपी अमित कुमार बट्टी ने बताया कि ”कृषि उपज मंडी के लेखपाल द्वारा रिश्वत मांगने की शिकायत रवि राठौर से मिली थी। ईओडब्ल्यू एसपी ने उन्हें शिकायत की जांच के लिए जवाबदारी दी। जांच सही पाई गई तो बुधवार को यहां पहुंचकर कार्रवाई की। इस कार्रवाई में 11 लोगों की टीम ने यहां पहुंचकर कार्रवाई की। 20 हजार रुपए आरोपी हरीश वशिष्ठ मंडी लेखापालन को पहली किश्त के रुप में लेते रंगे हाथों पकड़ा है।

कमलेश सारडा की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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