फ्रॉड निकला कलेक्ट्रेट में जमीन पर लोट लगाने वाला किसान, अपने हिस्से की जमीन बेच चुका, फिर भी काबिज, कर रहा झूठी शिकायत

जाँच प्रतिवेदन की भाषा के मुताबिक - आवेदित भूमि पर शिकायतकर्ता का ही कब्ज़ा चला आ रहा है। वर्तमान में भी शंकर पिता फूलचंद भूमि पर काबिज है। 1/2 हिस्सा जो सहखातेदारों द्वारा पूर्व में विक्रय किया गया था उस पर क्रेता द्वारा कब्ज़ा नहीं लिया गया है। क्रेतागण (अश्विन पिता नारायण देशमुख) के द्वारा अपने द्वारा क्रय की गई भूमि पर कब्ज़ा लेने का प्रयास किया जाता है तो आवेदक द्वारा शिकायत दर्ज की गई है।जबकि संपूर्ण भूमि पर आवेदक शंकरलाल पिता फूलचंद काबिज है। 

Atul Saxena
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Mandsaur News

Mandsaur News : मंदसौर जिले के सीतामऊ तहसील में जमीन पर कब्जे को लेकर अजीब मामला सामने आया है, शिकायत लेकर जब किसान कलेक्ट्रेट पहुंचा और अपनी जमीन पर कब्जे की शिकायत की तो अधिकारियों को उससे सहानुभूति हुई, किसान ने तहसील के अधिकारियों कर्मचारियों पर पैसे लेकर कब्जाधारी से मिले होने के आरोप लगाये और कलेक्ट्रेट बिल्डिंग में जमीन पर लोट लगाकर आपका आक्रोश जताया लेकिन जब तहसीलदार की जाँच रिपोर्ट सामने आई तो मामला उल्टा ही निकला, यानि शिकायतकर्ता किसान खुद फ्रॉड निकला, उसने अपने हिस्से की जमीन बेच दी और कब्ज़ा नहीं दिया उल्टा कब्ज़ा करने की शिकायत कर दी।

किसान ने कलेक्ट्रेट में लगाई लोट, प्रशासन पर लगाये भू माफिया से मिले होने के आरोप 

दरअसल सीतामऊ के किसान शंकर लाल पाटीदार ने कलेक्टर की जन सुनवाई में आवेदन दिया कि उसकी जमीन पर कब्ज़ा है और प्रशासन के लोग भू माफिया के साथ मिलकर मुझे मेरी जमीन नहीं दिला रहे, वो कई बार जन सुनवाई में गया और पिछले दिनों परेशान होकर उसने कलेक्ट्रेट बिल्डिंग में जमीन पर लोट लगाई और कहने लगा .. हमारी कोई नहीं सुनता है ..मैं परेशान हो गया हूँ ..हम क्या करेंगे …

किसान के आवेदन की जाँच के आदेश कलेक्टर ने दिए 

किसान की पीड़ा देखकर कलेक्टर मंदसौर ने किसान शंकर लाल की शिकायत की जाँच के आदेश एसडीएम को दिए,  लेकिन एसडीएम के सामने तहसीलदार की जो जाँच रिपोर्ट आई तो मामला ही उलट गया, तहसीलदार ने जो विस्तृत रिपोर्ट भेजी उसमें उसने बताया कि जिस जमीन की शिकायत शंकर लाल पाटीदार कर रहा है उसपर उसका ही कब्ज़ा है।

जाँच में शिकायतकर्ता किसान का ही उसकी जमीन पर कब्ज़ा मिला, शिकायत झूठी निकली 

जाँच प्रतिवेदन की भाषा के मुताबिक – आवेदित भूमि पर शिकायतकर्ता का ही कब्ज़ा चला आ रहा है। वर्तमान में भी शंकर पिता फूलचंद भूमि पर काबिज है। 1/2 हिस्सा जो सहखातेदारों द्वारा पूर्व में विक्रय किया गया था उस पर क्रेता द्वारा कब्ज़ा नहीं लिया गया है। क्रेतागण (अश्विन पिता नारायण देशमुख) के द्वारा अपने द्वारा क्रय की गई भूमि पर कब्ज़ा लेने का प्रयास किया जाता है तो आवेदक द्वारा शिकायत दर्ज की गई है।जबकि संपूर्ण भूमि पर आवेदक शंकरलाल पिता फूलचंद काबिज है।  यानि शिकायतकर्ता किसान शंकर लाल पाटीदार ने झूठी शिकायत की और खुद ही फ्रॉड निकला, प्रशासन और सरकार पर अनावश्यक दबाव बनाने के लिये उसने झूठी शिकायत की लेकिन उसकी कलई जाँच में खुल गई।

मंदसौर से राकेश धनोतिया की रिपोर्ट 

फ्रॉड निकला कलेक्ट्रेट में जमीन पर लोट लगाने वाला किसान, अपने हिस्से की जमीन बेच चुका, फिर भी काबिज, कर रहा झूठी शिकायत


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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