मंदसौर/बैतूल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) के मंदसौर (mandsaur) जिले में ग्राम पंचायत गोपालपुरा के सचिव (Secretary) और रोजगार सहायक (Employment assistant) की मिलीभगत से बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। जिसके बाद जिला पंचायत सीईओ (panchayat CEO) ने मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सचिव को निलंबित (suspend) कर दिया है। वहीं रोजगार सहायक के 3 माह के वेतन की कटौती की है।
दरअसल प्रदेश के मंदसौर जिले के गोपालपुरा मैं कुछ माह पहले सुदूर ग्राम संपर्क सड़क स्वीकृत की गई थी। जिसके बाद ग्राम पंचायत गोपालपुरा के सचिव जगदीश दाहिमा (jagdish dahima) और ग्राम रोजगार सहायक छगनलाल चौहान की मिलीभगत से सड़क पर बिना निर्माण कार्य करवाए 3 लाख 84 हजार की मजदूरी मद की राशि को फर्जी तरीके से निकाल लिया गया था।
इस मामले की जानकारी के बाद गुरुवार को पंचायत सीईओ ने सचिव जगदीश दाहिमा और ग्राम रोजगार सहायक छगनलाल चौहान पर बड़ी कार्रवाई की। जहां सचिव जगदीश दाहिमा मध्यप्रदेश पंचायत सेवा नियम 1999 के अंतर्गत सचिव से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। वहीं ग्राम रोजगार सहायक छगनलाल चौहान को दोषी मानते हुए 3 माह के वेतन की कटौती किए गए।
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बैतूल : वही काम में लापरवाही का एक मामला बैतूल जिले के मुलताई में भी सामने आया है। जहां फर्जी तरीके से कार्य को पूरा किए बिना ही सरकारी राशि का आहरण कर लिया गया था।
दरअसल मामला कान्हाखापा पंचायत अंतर्गत सोनखेड़ी का है। जहां सरपंच और सचिव ने बिना निर्माण कार्य किए ही फर्जी तरीके से कार्य को पूर्ण दर्शाकर सरकारी राशि का बंटवारा किया था। इस बारे में शिकायत के बाद जांच के आदेश दिए गए थे। वही शिकायत सही पाए जाने के बाद सरपंच और सचिव पर 4 लाख 20 हजार की राशि के गबन के आरोप लगे।
इसके बाद अनुशासित में कार्रवाई करते हुए पंचायत सचिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। वही सीईओ मुलताई को सचिव और सरपंच के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे। सचिव और सरपंच पर अब तक FIR दर्ज नहीं होने पर ग्रामीणों ने रोष व्यक्त किया है। तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।