शामगढ़ नगर परिषद में गबन के मामले में दो कर्मचारी निलंबित, जल कर राशि में किया घोटाला

Shashank Baranwal
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Mandsaur News: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के शामगढ नगर परिषद में कर्मचारियो द्वारा लाखों के गबन का मामला सामने आया है। जिस पर नगर परिषद अध्यक्ष कविता नरेंद्र यादव ने बुधवार को प्रेसवार्ता कर जानकारी देते हुए बताया कि परिषद के दो कर्मचारी आस्था त्रिवेदी और नरेंद्र उर्फ श्याम सेठिया को पेयजल राशि में गबन के आरोप में निलंबित किया गा है। उन पर एफआईआर की भी की कार्रवाई की जाएगी।

ये है पूरा मामला

शामगढ़ नगर परिषद के कर्मचारियों के जलकर राशि मे गबन करने से लाखों का नुकसान हुआ है। नगर परिषद अध्यक्ष कविता नरेंद्र यादव ने बताया कि जिसमें निकाय के कर्मचारी आस्था त्रिवेदी सहायक ग्रेड 3 और नरेन्द्र उर्फ श्याम सेठिया स्थायीकर्मी द्वारा जलकर की राशि पिछले 3 सालों से प्रतिदिन आधी राशि अपने जेब में रखी गई और आधी राशि जमा की गई है। नगर की जनता सभी टैक्स समय पर जमा करती आ रही है। जब हमें जलकर में वसूली कम दिखी तब हमने जाँच करवाई जाँच मे गबन का मामला सामने आया। आस्था त्रिवेदी द्वारा 9,57,479 (नौ लाख सत्तावन हजार चार सौ उन्यासी) रुपए तथा नरेन्द्र उर्फ श्याम सेठिया द्वारा 7,12,280 (सात लाख बारह हजार दो सौ अस्सी) रुपए का गबन सामने आया है। इस गबन की राशि जमा किये जाने के लिए कई बार संबंधित को सूचना पत्र जारी किया गया परंतु उनके द्वारा आज तक राशि जमा नहीं की गई। अपराध साबित होने पर नगर परिषद इनके विरूद्ध वैधानिक कार्रवाई कर एफआईआर दर्ज करवा रही है। सीएमओ सुरेश यादव नगर पालिका उपाध्यक्ष प्रतिनिधि रामगोपाल जोशी बीजेपी नेता नरेंद्र यादव पार्षद दिलीप वधवा, फारुख मेव, पार्षद दीपक जांगड़े, नगरवासी सुरेश चौधरी, शिव जी धनोतिया, सर सुरेंद्र सेठिया, दिलीप प्रजापति सहित अन्य नगर पालिका कर्मचारी और पत्रकारगण उपस्थित रहे।

मंदसौर से राकेश धनोतिया की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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