ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर के युवा कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक (Congress MLA Praveen Pathak) की एक पोस्ट सोशल मीडिया पर इस समय बहुत वायरल हो रही है। यूजर उस पर ना सिर्फ रिएक्शन और कमेंट्स दे रहे हैं बल्कि शेयर भी कर रहे हैं। दरअसल ये पोस्ट विधायक के अंदर छिपे “कवि” (Poet) के उदगार हैं जो उन्होंने शब्दों में बांधकर फेसबुक (Facebook) पर पोस्ट किये हैं। अपने शब्दों में विधायक “कवि” प्रवीण पाठक ने “ग्वालियर का चाँद” शीर्षक से लिखी कविता में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) पर बिना नाम लिए निशाना साधा है।
आमतौर पर राजनीति में आने के बाद व्यक्ति की भावनाओं, विचारों, शब्दों और आचरण में बहुत बदलाव आ जाता है। बहुत कम राजनेता ऐसे होते हैं जो राजनीति में रहते हुए भी अपने अंदर के कवि या साहित्यकार को जीवित रख पाते हैं।इस श्रेणी में मध्यप्रदेश से जुड़े दो बड़े कवि नेताओं का नाम याद आ रहा है। एक हैं भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpeyee) और दूसरे हैं प्रसिद्द कवि पूर्व राज्यसभा सदस्य बालकवि बैरागी (Balkavi Bairagi)। इनके अलावा भी अन्य कई नाम ऐसे हैं जो इसी श्रेणी में आते हैं। उनका जिक्र किया तो सन्दर्भ लंबा हो जाएगा। इन दोनों नेताओं ने राजनीति में अपने अंदर के कवि (Poet) को ज़िंदा रखा और समाज को उसी कवि की नजर की नजर से देखा।
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ग्वालियर में एक ऐसे ही राजनेता हैं कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक (Congress MLA Praveen Pathak)। पिछले लम्बे समय से वे अपने ट्विटर (Twitter) और फेसबुक (Facebook) पर अपने शेर और कविताओं की चंद लाइनों से नेताओं और समाज के हालात पर प्रहार कर रहे हैं। अब विधायक “कवि” प्रवीण पाठक (MLA Poet Praveen Pathak) ने पूर्णिमा के चाँद की तस्वीर को देखकर एक कविता फेसबुक पर पोस्ट की है। “ग्वालियर का चाँद” शीर्षक से लिखी इस कविता में विधायक “कवि” प्रवीण पाठक ने सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बिना नाम लिए निशाना साधा है। कविता के अंत में विधायक “कवि” पाठक ने चाँद की तस्वीर भेजने वाले को धन्यवाद भी दिया है।
ग्वालियर का चाँद
चाहे वो चंदा मामा ही क्यों ना हो,
मामा के हिस्से में रहते हैं सदैव दाग।
इतिहास को भी ज़रा गौर से देख लो,
शकुनि ,मारीच, कंस ये भी कहाँ बेदाग़ ।
पर ये चाँद है पूर्णिमा का इसने सदैव दिया ही दिया है,।
ना जाने कितनी बस्तियों का ये रोशनी का दीया है।।
चंदा मामा तुम पर भले ही दाग हो, पर तुम लोगों के काम आए ।
यहाँ तो संकट के समय में, कई सफ़ेदपोश नज़र ही नहीं आए ।।
क्या करेंगे ऐसे बेदागों का हम जिन्होंने अपने स्वार्थ के लिए ,
जिस माँ की कोख़ से जन्म लिया हो वो माँ ही बदल दी,
अपने कपड़े बदले, झण्डे बदले और माँ पर लगा दिया दाग,
ग्वालियर से ये उम्मीद करते हो की वो कहें आपको बेदाग़ ।
तुम भी इतिहास में अब, विभीषण की तरह ही हो गए दर्ज़,
दुर्भाग्य जिनसे पीढियों के रिश्ते थे,उनसे ही नहीं निभाया फ़र्ज़ ।
जिनके घरों के चिराग़ बुझे, वो तुम्हें कभी माफ़ नहीं करेंगे ।
तुम्हारी एक गलती का ऋण, प्रदेशवासी जीवन भर भरेंगे।।
प्रवीण …..
धन्यवाद विनोद शर्मा जी आपके माध्यम से इस ज्वलंत माहौल में एक शीतलता प्रदान करने वाला चंद्रमा का चित्र प्राप्त हुआ जो आज पूर्णिमा का ही है । चित्र इतना प्रभावशाली था की मुझे कुछ लिखने पर विवश कर दिया । किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचे तो क्षमा चाहता हूँ पर भावनाओं को बांध कर लिखा नहीं जा सकता ।
विधायक “कवि” प्रवीण पाठक ने ट्विटर पर भी अपनी ग्वालियर का चाँद कविता की दो लाइन लिखकर ट्वीट किया है
जिनके घरों के चिराग़ बुझे वो तुम्हें कभी माफ़ नहीं करेंगे, तुम्हारी एक गलती का ऋण प्रदेशवासी जीवन भर भरेंगे ।
#ग्वालियर_का_चाँद_
जिनके घरों के चिराग़ बुझे वो तुम्हें कभी माफ़ नहीं करेंगे,
तुम्हारी एक गलती का ऋण प्रदेशवासी जीवन भर भरेंगे ।https://t.co/QEqSNWUgcN pic.twitter.com/mPBcxu2f3H— Praveen Pathak (@PRAVEENPATHAK13) May 26, 2021