डकैती की योजना बनाते 5 गिरफ्तार, अवैध हथियार और 4 लाख के गहने बरामद  

मुरैना, संजय दीक्षित। मुरैना पुलिस (Morena Police) ने डकैती (Robbery) की योजना बनाकर नए शिकार को तलाश  कर रहे आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से अवैध हथियार बरामद किये हैं। बदमाशों ने कैलारस में हुई नकबजनी सहित अन्य कई चोरियां करना स्वीकार किया है।

पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया,(SP Anurag Suzania,)अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ हंसराज सिंह (Additional SP Dr. Hansraj Singh) एवं एसडीओपी शशि भूषण सिंह रघुवंशी (SDOP Shashi Bhushan Singh Raghuvanshi) के निर्देशन में लूट, डकैती में फरार अपराधियों की धरपकड़ की जा रही थी।इसी दौरान 12 नवम्बर  को अपराधियों के मूवेन्ट की जानकारी मिलने पर पुलिस अधीक्षक के द्वारा तीन टीमें बनाकर रवाना की गयी। इसी दौरान सूचना मिली कि गुरुकृपा ढाबा के पीछे बदमाश डकैती डालने की योजना बना रहे हैं।जिसकी तस्दीक कर बदमाशों को पकड़ने के लिए दबिश दी गई तो पुलिस को देखते हुए डकैतों द्वारा पुलिस पर फायरिंग शुरू की गई ।जिसमें पुलिस ने अपनी सुरक्षा हेतु फायरिंग की। जिसमे घेराबंदी कर एक आरोपी को पकड़ कर पूछताछ की गई तो उसने बताया कि छ आरोपी घटनास्थल से अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए हैं। पुलिस ने घटनास्थल से बदमाशों द्वारा की गई फायरिंग के खाली खोखे तथा घटना में प्रयुक्त करने वाली कुछ सामग्री भी जप्त की गई है। बाद में पुलिस ने गिरफ्तार बदमाश की निशानदेही पर चार और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिए।   पुलिस ने गिरफ्तार 5 आरोपियों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त हथियार भी बरामद किए है । पूछताछ के दौरान गिरफ्तार किए गए बदमाशों ने पिछले दिनों  पुरुषोत्तम धाकड़ निवासी डोंगरपुर कैलारस के घर हुई सनसनीखेज नकबजनी की घटना को अंजाम देना स्वीकार किया है। आरोपियों से घटना में चोरी की गई सोने चांदी के करीब चार लाख के जेवरात  बरामद किए गए हैं । गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने  देवजीत का पुरा, ग्राम जैतपुर से एक 315 बोर की राइफल, ग्राम कुम्हेडी, पंचा पुरा और ग्राम गलेथा में नकबजनी चोरी की वारदातों को अंजाम देना स्वीकार किया गया है । पुलिस ने बताया कि आरोपियों को न्यायालय में प्रस्तुत कर पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा  जिससे अन्य वारदातों का खुलासा हो सकेगा।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....