सरकारी स्कूल परिसर में नौनिहालों को पढ़ाने के बजाय मास्टर साहब करा रहे है मजदूरी, वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल

Amit Sengar
Published on -

Morena News : सरकारी स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए सरकार भले ही तमाम प्रयास कर रही हो, लेकिन मुरैना जिले के पोरसा में सरकार के तमाम आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए शिक्षक दिखाई दे रहे है। सरकारी स्कूल में जिन छात्रों के हाथों में कलम और किताब होनी चाहिए थी उन मासूम बच्चों के हाथों से स्कूल परिसर में ईंट, गिट्टी और सीमेंट से मसाला बनाकर ढोया जा रहा हैं। बच्चों से मजदूरों कराने का वीडियो किसी ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है जिसके बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।

यह है मामला

बता दें कि ये पूरा मामला पोरसा में स्थित शासकीय प्राथमिक संकुल केंद्र दुर्ग का है। जहां नौनिहालों को पढ़ाने के बजाय मास्टर साहब के द्वारा बच्चो को स्कूल परिसर में गिट्टी ढोने और घास साफ कराने का काम कराया जा रहा है। वायरल वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि स्कूल परिसर में जल जीवन मिशन के तहत ठेकेदार द्वारा नल प्लेटफॉर्म का निर्माण करवाया जा रहा है। उसके लिए एक व्यक्ति सीमेंट, गिट्टी का मसाला बना रहा है और बच्चे तसला में मसाला ले जाते हुए दिखाए दे रहे हैं। इसके साथ ही कुछ बच्चे ईंट उठा रहे है और कुछ बच्चों से सफाई भी करायी जा रही है। जबकि ये काम ठेकेदार को लेबर से करवाना था, लेकिन यहां मजदूर की जगह मासूम बच्चे काम करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

बच्चों के भविष्य के साथ किया जा रहा है खिलवाड़

सबसे बड़ी बात यह है कि बच्चों से काम करवाया जा रहा है लेकिन शिक्षकों ने इसका विरोध क्यों नहीं किया। स्कूल स्टाफ की लापरवाही से बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। अब देखना होगा कि बच्चों से मजदूरी कराने वाले ठेकेदार और अन्य लोगों पर कार्रवाई होती है या फिर मासूम बच्चों को पढ़ाने की जगह मजदूरी का काम कराया जाएगा या फिर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।
मुरैना से संजय दीक्षित की रिपोर्ट

*Disclaimer :- Mp breaking न्यूज़ के पास वीडियो उपलब्ध है, लेकिन नियमों के तहत इस वीडियो को पब्लिश नही किया जा रहा है।


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

Other Latest News