किसान आंदोलन के समर्थन में सड़क पर उतरे कांग्रेस नेता, दिखाए काले झंडे

Atul Saxena
Published on -

मुरैना, संजय दीक्षित। कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 6 महीने से आंदोलन (Protest) कर रहे किसान संगठनों  द्वारा 26 मई को काले दिवस के रूप में मनाने का एलान किया था । इस क्रम में मुरैना में किसानों की आवाज को बुलंद करने के लिए किसान संयुक्त मोर्चा के साथ समर्थन देते हुए शहर जिला कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा ने पुल चौराहे पर  काले झंडे दिखाकर किसान विरोधी कानून का विरोध किया और काले दिवस के रूप में मनाया ।

जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा ने कहा कि 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)ने शपथ ली थी और आज इन 7 वर्षों में आज के देश के हालात कहां से कहां तक पहुंच चुके हैं। देश आर्थिक रूप से बर्बाद हो चुका है, ना देश के युवाओं के पास रोजगार है, ना व्यापारियों के पास मुनाफे का व्यापार बचा है और तो और किसानों को भी केंद्र सरकार द्वारा तीनों काले कृषक कानून लाकर आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के हालात पैदा किए जा रहे हैं।आज देश में कोरोना जैसी बीमारी में लोगों को उचित उपचार नही मिल पा रहा है। वहीं 30 परसेंट जनता भूखों मरने की कगार पर खड़ी है। देश की कुम्भकर्णी सरकार को चेताने का काम करना है।

किसान आंदोलन के समर्थन में सड़क पर उतरे कांग्रेस नेता, दिखाए काले झंडे

ये भी पढ़ें – गोविंद सिंह का हमला- भाजपा आंतकवादी संगठनों के इशारे पर कर रही है काम

किसान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर के द्वारा किसान संगठनों को समर्थन देते हुए नूराबाद जाकर किसानों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को काले झंडे दिखाने का काम किया और कहा कि किसान आंदोलन के प्रवक्ता राकेश टिकैत द्वारा जिस तरह साहस के साथ आंदोलन का नेतृत्व करते हुए इस आंदोलन को मांगे पूरी न किए जाने की सूरत में 2024 तक सक्रिय रखने की घोषणा के बाद हम कंधे से कंधा मिलाकर उनके फैसले के साथ खड़े रहेंगे और किसानों की आवाज को उठाते रहेंगे। विरोध करने वालों में मुख्य रूप से किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर, शहर जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा, स्वामी अजय योगी, एनएसयूआई जिला अध्यक्ष गौरव बाथम, जिला सचिव एवं एडवोकेट सौरव मिश्रा, पवन यादव, राम चित्र हर्षाना, विवेक सिंह सहित कई लोग मुख्य रूप से उपस्थित थे।

ये भी पढ़ें – दिग्विजय सिंह ने निवास पर लगाया काला झंडा, ट्वीट किया -किसान एकता जिंदाबाद


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News