मुरैना। संजय दीक्षित| कोरोना संक्रमण की दहशत से शहर में हाहाकार मची हुई हैं। इस समस्या को स्वास्थ्य महकमा और जिला प्रशासन नियंत्रण करने में असफल दिखाई देने लगे हैं। पिछले चार दिन से लगातार आ रही रिपोर्टों के मुताबिक जिले की संख्या सैकडा पार कर चुकी है। इतना ही नहीं अधिकारी और कर्मचारी भी इसके शिकार हुए हैं। गुरूवार को एक बार फिर कोरोना विस्फोट हुआ है| जिले में 36 नए पॉजिटिव मिले हैं|
सूत्रों के मुताबिक जिला प्रशासन ने करीब 24 वार्डों में कर्फ्यू घोषित किया है और आयुक्त नगर निगम का चार्ज सबलगढ़ एसडीएम अंकिता धाकरे को सौंपा गया है। इसके अलावा सम्पर्क में आने वाले लोगों की खोजबीन की जा रही है। संक्रमित मरीजों की संख्या और भी बढने की उम्मीद जताई जा रही हैं।
कोरोना संक्रमण में शहर का चौतरफा हिस्सा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। सोमवार से लेकर गुरूवार तक चार दिन में कोरोना के पॉजीटिव मरीज 112 के पार हो चुके हैं। इसके अलावा सम्पर्क में आने वाले लोगों के सेम्पल भी लिए जा रहे हैं। कोरोना महामारी की अधिकता को देखते हुए प्रशासन की नींद उड गई है। नगर निगम आयुक्त को जिला चिकित्सालय में आईसोलेट किए गए हैं वहीं तहसील के कर्मचारी आशुतोष मिश्रा को भी अस्पताल में आईसोलेट किया है। इसके अलावा जिला प्रशासन द्वारा नगर निगम कार्यालय को सील कर दिया है। कोरोना संक्रमण को देखकर अभी प्रशासन द्वारा कोई सख्त कदम नहीं उठाये जा रहे हैं इसलिए सोशल डिस्टेसिंग के अलावा कोरोना महामारी से बचने के लिए जो उपाय लोगों को बताये जाते हैं उनकी निगरानी प्रशासन नहीं कर पा रहा है। बाजारों में लोगों की भीड बढ रही है तथा बाहर से आने जाने वाले लोग अपने वाहनों से लगातार आ रहे हैं।
जिला अस्पताल में पदस्थ सीएमएचओ, सीएस और आरएमओ को पत्रकारों के फोन उठाने की फुर्सत नही है। कोरोना संक्रमण की न तो कोई जानकारी देते हैं और न ही हैल्थ बुलेटिन समय से जारी करते हैं। खबर तो यहां तक है कि चिकित्सालय में कुछ व्हीआईपी लोगों की व्यवस्थाएं अलग से की गई है और सामान्य लोग जमीन पर पडे जिंदगी के दिन गिन रहे हैं। स्वास्थ्य महकमा उन गरीबों की सुनने को तैयार नहीं है।