मेटरनिटी में अवैध वसूली करने वाली नर्सों को किया जाता हैं पदस्थ,अस्पताल प्रबंधन की कार्रवाई संदेह के घेरे में

Gaurav Sharma
Published on -

मुरैना,संजय दीक्षित। जिला अस्पताल के मेटरनिटी में अवैध वसूली को लेकर आए दिन हंगामा होता रहा है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन विवादित स्टाफ को बदलने के लिए तैयार नहीं होते है। ऐसा माना जा रहा है कि कहीं न कहीं अस्पताल प्रबंधन की कार्रवाई संदेह के घेरे में है या किसी दबंग नेताओं के खौफ से अस्पताल प्रबंधन मेटरनिटी स्टाफ को बदलने के लिए तैयार नहीं है।

मेटरनिटी वार्ड का जो लक्ष्य का प्रोग्राम शुरू किया है वह चाहे पूरा हो या ना हो लेकिन मैटरनिटी में अवैध वसूली के मामले आये दिन हजारों रुपए की वसूली चर्चाओं में बनी रहती है। सबसे बड़े हालात ये हैं कि मेटरनिटी में पदस्थ विवादित व आरोपित नर्सों को ही क्यों पदस्थ किया जाता है। बार बार शिकायत मिलने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन से जुड़े अफसर इन्हें बदलने को तैयार नहीं है।

जिला अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में मरीजों से न तो अवैध वसूली को रोका गया ना ही उसकी हालत को सुधारा किया गया है। काफी पैसा खर्च होने के बाद भी वहां की सुविधाएं जैसे की तैसी बनी हुई है और आए दिन हंगामा होता रहता है। आखिर क्या वजह है कि विवादित नर्सों को मैटरनिटी विभाग में ही पदस्थ किया जाता है ।

सूत्रों का कहना है कि मेटरनिटी विभाग एक मलाईदार विभाग बन गया है। जिसमें कुछ दिन विवाद होने के बाद नर्सों को हटा दिया जाता है फिर उसके बाद मामला शांत होने के बाद उसी में उनको पदस्थ कर दिया जाता है। यह सब खेल अस्पताल प्रबंधन की सांठगांठ से चल रहा है।

प्रसूता महिलाओं को छोड़कर उनके साथ आने वाली महिलाओं को पानी पीने के लिए गेट के बाहर जाना पड़ता है ऐसे में अगर कहीं प्रसूता महिला को कुछ हो गया तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।2020 में लक्ष्य प्रोग्राम के तहत जिला अस्पताल को 89% अंक प्राप्त हुए हैं। जो प्रदेश स्तर से कम है फिर भी दूसरे चरण में कुछ दिनों बाद होने वाले लक्ष्य प्रोग्राम की तैयारियां को लेकर अस्पताल प्रबंधन ने कमर कस ली है।जिससे आने वाले समय में लक्ष्य प्रोग्राम में अधिक से अधिक अंक मिल सके।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News