मुरैना : अस्पताल प्रशासन के सारे वादे खोखले, प्रसूताओं को फटे गद्दे व बिना कंबल के वार्ड में भर्ती रहने को हैं मजबूर

Amit Sengar
Published on -

मुरैना, संजय दीक्षित। जिला अस्पताल की प्रसूता वार्ड की हालत बद से बदतर होती जा रही हैं वार्ड में भर्ती प्रसूताओं के लिए उनके परिवार वाले सर्दी से बचाने के लिए अपने घरों से कंबल लेकर आ रहे है जिला अस्पताल के प्रसूति वार्ड में देखा गया तो प्रसूता वार्ड में फटे हुए गद्दों पर प्रसुताएँ सोने को मजबूर हैं, कम्बल तक उनको नसीब नहीं हो पा रहा है, जबकि अस्पताल प्रशासन के द्वारा बड़े-बड़े वादे किए जाते है लेकिन सारे वादे खोखले साबित होते जा रहे हैं। सर्दी में प्रसूताओं के लिए अटेंडर अपने घर से कंबल लाते हैं जब उनके ओढ़कर रात गुजारने पड़ती हैं। इस सर्दी के सीजन में दिन रात काटने को मजबूर हैं।

यह भी पढ़े… अवैध संबंध बने महिला की मौत की वजह, आरोपी गिरफ्तार

मुरैना : अस्पताल प्रशासन के सारे वादे खोखले, प्रसूताओं को फटे गद्दे व बिना कंबल के वार्ड में भर्ती रहने को हैं मजबूर

स्वास्थ विभाग पर कंबल व गद्दों के लिए लाखों रुपए का बजट आता है लेकिन अस्पताल प्रशासन प्रसूताओं को सुविधा ना देते हुए उन्हें घर से कंबल और चादर लाने को मजबूर कर रहा है। जब एम पी ब्रेकिंग टीम प्रसूताओं के पास पहुंची तो उन्होंने खुलकर अपनी समस्या बतायी। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन द्वारा उन्हें कोई भी सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है। बेड के गद्दे पुराने व फटे हुए हैं उन पर गंदगी की वजह से दुर्गंध भी आ रही है। उन पर चादर तक बिछाई नहीं जा रही है। दो से तीन दिन तक चादर भी नसीब नहीं हो पा रही है।

यह भी पढ़े…स्वदेश दर्शन :- Eco थीम के तहत पर्यटन मंत्रालय ने दी 6 परियोजनाओं को मंजूरी

सर्दी में प्रसूताओं को ठंड लगती है तो घर से कंबल लाना पड़ रहा है। जबकि देखा जाए कि जिला अस्पताल में कई समाजसेवियों के द्वारा कंबल निशुल्क वितरित भी किए गए हैं लेकिन कंबल प्रसूता वार्ड में न जाते हुए कहां गए यह किसी को कोई खबर नहीं है। जिला अस्पताल के प्रसूति वार्ड में देखा गया तो पलंग पर गद्दों की ये हालत थी कि गद्दों को कबाड़े से उठाकर प्रसूता वार्ड में बिछा दिए गए हैं। जब इस बारे में सिविल सर्जन विनोद गुप्ता से बात की गई तो उनका कहना था कि अस्पताल में कंबल पर्याप्त मात्रा में वार्डों में भेजे गए हैं कुछ कंबल और गद्दों के आर्डर लगाए गए हैं, वह जल्द ही प्रसूताओं को मुहिया करा दिए जाएंगे।


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

Other Latest News