Morena Hospital News : बीमारी में व्यक्ति दो ही लोगों को याद करता है या तो भगवान या फिर डॉक्टर, डॉक्टर ही वह व्यक्ति है जो कि इस धरती पर हमारी जान बचा सकता है कई बीमारियों से डॉक्टर ही निजात दिलाने में सहायक होता है मगर ऐसी स्थिति में जब अस्पतालों में डॉक्टर ही ना मिले ऐसी ही कुछ स्थिति कुंवर जाहर सिंह शर्मा जिला चिकित्सालय की है।
बता दें कि सरकारी चिकित्सालय में डॉक्टरों का समय 9:00 से लेकर 2:00 बजे तक का है परंतु इस समय चिकित्सालय में सरकारी डॉक्टर कम ही देखने को मिलते हैं ज्यादातर चिकित्सक अपने निजी चिकित्सालय में मरीजों का इलाज करते हुए पाए जाते हैं, ऐसा ही कुछ आज उस समय पर हुआ जिस समय कांग्रेस अध्यक्ष दीपक शर्मा कुछ अस्वस्थता के चलते जिला चिकित्सालय में अपने आप को दिखाने गए परंतु समय पूरा होने से पहले ही ज्यादातर चिकित्सक अपने-अपने प्राइवेट क्लीनिक को संभालने के लिए चले गए थे।
जिला चिकित्सालय में सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं
गौरतलब है कि जिला चिकित्सालय में बाहर से आए हुए मरीजों को रोज परेशानी में देखा जा सकता है परंतु ना तो चिकित्सक ना ही वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी को इस बात की कोई चिंता नहीं है प्रशासन ने चिकित्सालय में मशीनें तो दे रखी है परंतु इन्हें चलाने के लिए कोई भी टेक्नीशियन नहीं रखा गया है तो अगर किसी व्यक्ति का टेस्ट कराया जाता है तो उस व्यक्ति को बाहर जाकर टेस्ट कराना पड़ता है जिसमें की प्राइवेट लैब चला रहे व्यक्ति का फायदा है और साथ में डॉक्टर का भी कमीशन बना रहता है, मुरैना जिला चिकित्सालय की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है बड़ा मल्टीस्पेशलिटी भवन तो तैयार हो गया है परंतु सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है। जिला चिकित्सालय में स्थिति यह है कि एक बेड पर दो लोग लेटने के लिए मजबूर हो रहे हैं जिसके कारण संक्रमण का खतरा तो बढ़ता ही है और यह जिला चिकित्सालय की लापरवाही को भी साफ दर्शाता है। शासन ने जिला चिकित्सालय का नाम बदल कर जाहर सिंह कक्का के नाम पर रख दिया गया।
मुरैना से नितेंद्र शर्मा की रिपोर्ट