मुरैना,संजय दीक्षित। मुरैना जिले में फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालकों के खिलाफ करीब 8 दिन बाद भी सिटी कोतवाली में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के द्वारा एफ आई आर दर्ज नहीं कराई गई है, नर्सिंग कॉलेज संचालकों की सांठगांठ करके मामले को रफा-दफा करने की बात कही जा रही है लेकिन यह सो फीसदी सच है कि परीक्षा में सामूहिक नकल कराने वाले नर्सिंग कॉलेज संचालकों को कार्रवाई से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अफसर अपना पूरा जोर लगा रहे हैं।
सामूहिक नकल के बाद कॉलेज संचालकों पर एफ आई आर के लिए आवेदन दिया गया लेकिन आवेदन कोतवाली तक नहीं पहुंचाया गया बताया गया है कि अस्पताल प्रबंधन के द्वारा अस्पताल में हुई सामूहिक नकल के सबूत ही मिटाने के लिए अपने ही कर्मचारियों से लिखवा कर लिया जा रहा है कि अस्पताल में कोई परीक्षा नहीं हुई है, जबकि अस्पताल में हुई परीक्षा के वीडियो भी जमकर वायरल हो रहे है।
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बता दें कि 1 अप्रैल को 6 कॉलेजों के छात्रों ने जिला अस्पताल में सामूहिक नकल करके परीक्षा दी थी इन कॉलेजों के नाम भी सिविल सर्जन डॉ विनोद गुप्ता को पता है लेकिन अस्पताल चौकी को दिए आवेदन में नकल वाले कोलॉन्जों के नाम का जिक्र नहीं किया गया, पुलिस में एफआईआर के लिए अस्पताल प्रबंधन के किसी कर्मचारी को फरियादी बन्ना होता है आज तक किसी कर्मचारी अधिकारी को फरियादी बना कर पुलिस के पास नहीं भेजा गया सीएमएचओ ने जो जांच समिति बनाई उसकी भी जांच और रिपोर्ट फिलहाल लापता बताई जा रही है।
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बताया गया कि इस मामले में मैटरन ने सभी वार्ड की प्रभारी नर्सों को इस मामले में कारण बताओ नोटिस थमा दिया है जिला अस्पताल के एक डॉक्टर के नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि इस नोटिस के खेल के बाद अब 1 अप्रैल को हुई नर्सिंग परीक्षा सामूहिक नकल का ही असर खत्म करके हथकंडे अपनाए जा रहे हैं इसलिए सुरक्षा गार्ड वार्ड ,वार्ड की प्रभारी एवं जिम्मेदार कर्मचारियों से ये लिखवाया जा रहा है कि जिला अस्पताल में नर्सिंग की कोई परीक्षा नहीं कराई गई है।