मुरैना : चंबल में हजारों ट्रैक्टर ट्रालियों से हो रहा रेत का अवैध उत्खनन, वन विभाग बना मौन

Amit Sengar
Published on -

मुरैना, संजय दीक्षित। मुख्यमंत्री के द्वारा माफियाओं के खिलाफ सघन अभियान चलाया जा रहा है उसके बावजूद भी मुरैना जिले में चंबल नदी के रेत का अवैध खनन खुलेआम किया जा रहा है। यह खनन प्रशासन की नाक के नीचे किया जा रहा हैं, मगर इस पर प्रशासन की कोई कार्रवाई नहीं कर रहा हैं। आइये हम आपको दिखते है कि किस तरह नदी के किनारे पर रखकर जेसीबी मशीन और हाइड्रा मशीन से चंबल का सीना छलनी किया जा रहा है। इस बात का पता लगाने के लिए MP Breaking News के रिपोर्टर द्वारा जब राजघाट पहुंचे तो देखा कि हजारों की संख्या में ट्रेक्टर ट्रालियों द्वारा रेत का अवैध खनन किया जा रहा है। यह खनन राजघाट के नए पुल के नीचे किया जा रहा है, सुबह से माफिया की जेसेबी हजारों ट्रालियों रेत भरने के लिए वहां लग जाती हैं। यह सिलसिला देर शाम तक ऐसे ही चलता रहता है। सबसे बड़ी बात ये है कि चंबल में अवैध रेत के उत्खनन के पास ही पर्यटक आ रहे हैं। इन पर्यटकों के सामने रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है। जिला, पुलिस व वन विभाग के अधिकारी अपने परिवार के साथ चंबल घूम रहे हैं। उनके सामने अवैध रेत भरा जा रहा है और रेत से भरी ट्रेक्टर ट्रालियां धड़धड़ाती गुजर रही हैं। लेकिन किसी भी अधिकारी की क्या मजाल की उनको कोई रोक सके।

यह भी पढ़े… MP Teacher : नवनियुक्त शिक्षकों के पदस्थापन आदेश जारी, 15 दिन के अंदर उपस्थिति होगी अनिवार्य

हम आपको बता दें कि चंबल रेत के अवैध खनन को रोकने के लिए जिले के वन विभाग को 200 से अधिक एसएएफ जवानों की कंपनी दी जा चुकी है। लेकिन विभाग ने इस कंपनी के जवानों को इधर-उधर ड्यूटी पर लगाकर रखा है। जबकि इन जवानों का काम राजघाट पर हो रहे अवैध खनन को रोकना है। मगर कहना गलत नहीं होगा कि यह अवैध खनन वन विभाग की सहमति से न किया जा रहा हो।

यह भी पढ़े… जबलपुर में प्रशासन की कार्रवाई जारी, फिर पैथोलॉजी सेंटर्स पर छापा

अगर वहीं पुलिस प्रशासन की बात करें तो अवैध रेत के भरे ट्रेक्टर ट्रॉली राजघाट से चंद कदम दूर अल्लाबेली पुलिस चौकी के सामने से धड़ल्ले से गुजर रहे हैं। पुलिस चाहे तो इनको रोक कर उन्हें जब्त कर सकती है, लेकिन पुलिस जोखिम उठाने को तैयार नहीं हैं। इन मशीनों से हजारों की संख्या में लाइनों में लगे ट्रेक्टरों में रेत भरा जाता है। उसके बाद यह ट्रेक्टर मुरैना व अन्य जिलों के लिए नेशनल हाईवे से होकर निकल जाते हैं। यह भी बताया जा रहा है कि चंबल के राजघाट पुल से खनन होने वाले लगभग 70 प्रतिशत रेत की सप्लाई राजस्थान के धौलपुर में होती है बाँकी 30 प्रतिशत रेत मुरैना व ग्वालियर में खपाया जा रहा है।

यह भी पढ़े… बच्चों की खरीद फरोख्त के आरोपी अस्पताल संचालक सहित 3 को कारावास

एडीएम नरोत्तम भार्गव ने बताया है कि चम्बल का वह क्षेत्र जो पूरी तरह से पूर्ण प्रतिबंधित है, घड़ियाल प्रोजेक्ट की वजह से और हमारे एरिया में जब भी कोई ऐसी स्थिति होती है, व संज्ञान में आती है हम तत्काल कार्रवाई करते हैं। और सभी विभाग एक बार फिर से मिल कर इस पर कठोर कार्रवाई करेंगे।


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

Other Latest News