Sahara Scam And Arrests : प्रदेश भर में अरबों खरबों की हेरा फेरी के घेरे में एक सैकड़ा से ज्यादा FIR का सामना कर रहे सहारा प्रमुख सुब्रत राय पर एमपी की पुलिस खासी मेहरबान है। तमाम वारंटो के बावजूद अब तक मध्य प्रदेश की पुलिस सुब्रतो राय को गिरफ्तार करने में असफल रही है। मुरैना जिले की पुलिस ने एक डायरेक्टर को गिरफ्तार जरूर किया है लेकिन वह भी न्यायालय का आदेश आने के बाद जबकि इस मामले में खुद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पुलिस को कड़ी कार्रवाई करने के लिए निर्देश दे चुके हैं।
सिंधिया से लगाई थी लोगों ने गुहार
देश की सबसे बड़ी चिटफंड हेराफेरी की सहारा ने और इसे खुद मध्य प्रदेश की सरकार मान चुकी है। इसीलिए पहली बार ऐसा हुआ है कि इन्वेस्टर्स मीट में सहारा के प्रमुख सुब्रतो राय को न्योता नहीं दिया गया। इसके पीछे बड़ी वजह रही अकेले मध्यप्रदेश में सुब्रतो राय के खिलाफ धोखाधड़ी के एक सैकड़ा से ज्यादा मामला दर्ज होना। दरअसल सहारा इंडिया कंपनी ने अपनी विभिन्न निवेश स्कीमों में निवेशकों से अरबों रुपया निवेश तो करवाया लेकिन जब परिपक्वता अवधि पूरी हुई तो वापसी के नाम पर कंपनी ने हाथ खड़े कर दिए। उपभोक्ता अधिकारियों के चक्कर पर चक्कर काटते रहे लेकिन किसी ने कोई सुनवाई नहीं करी। सहारा के अधिकारियों के बाद जनता ने अपने धन की वापसी के लिए राजनेताओं और अधिकारियों का भी दरवाजा खटखटाया लेकिन वहां भी गुहार नहीं सुनी गई। अभी साल भर भी नहीं हुआ जब ज्योतिरादित्य सिंधिया मुरैना के दौरे पर थे और उनसे सबलगढ़ जौरा क्षेत्र के सहारा निवेशकों ने मुलाकात कर अपना पैसा वापस दिलाने की गुहार लगाई थी। इतना ही नहीं, क्षेत्र के बीजेपी नेता और सिंधिया समर्थक राजेंद्र शुक्ला के साथ निवेशक दिल्ली भी गए जहां सिंधिया से मुलाकात के अलावा उनकी मुलाकात सहकारिता विभाग के अधिकारियों से भी हुई और उन्हें पैसा वापस दिलाने का आश्वासन मिला। बावजूद इसके जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो निवेशकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट ने सुब्रतो राय समेत सभी आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी के आदेश दिए।
मुरैना पुलिस ने किया करूणेश को गिरफ्तार
मंगलवार को मुरैना की पुलिस ने सूचना मिलने पर सहारा के एक डायरेक्टर करुणेश अवस्थी को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उस समय गिरफ्तार किया जब वह फ्लाइट से उतर रहा था। गिरफ्तारी के बाद उसे पुलिस मुरैना तो ले आई लेकिन उसके ना तो प्रेस के सामने पेश किया गया और ना ही पुलिस ने जो प्रेसनोट बनाया उसमें उसके नाम का उल्लेख किया गया।साफ समझ में आता है कि किस कदर सहारा का प्रभाव आज भी लोगों के दिलों में कायम है। हालांकि पुलिस दावा करती है कि उसने कई टीमें सुब्रतो राय की गिरफ्तारी के लिए लखनऊ भेजी लेकिन वह नहीं मिले। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जो आदमी सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पैरोल पर रिहा किया गया है और उसके साथ में दिल्ली पुलिस के जवान भी लगातार रहते हैं, वह भला कैसे गायब हो सकता है। साफ है कि पुलिस सुब्रतो राय की गिरफ्तारी के नाम पर हर बार एक नाटक करती है और वापस लौट आती है। लेकिन इसमें सबसे बड़ा नुकसान उन निवेशकों का है जिनके अरबों रुपए का रिफंड अभी तक सहारा से नहीं मिल रहा है।