Morena News : धूमधाम से मनाई गई डा. भीमराव आंबेडकर जयंती, रैली का जगह-जगह हुआ स्वागत

Amit Sengar
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Morena News : मुरैना शहर सहित जिलेभर में 14 अप्रेल यानी शुक्रवार को बाबा साहेब की 132वीं जयंती मनाई गई। इस दौरान जिले के कई हिस्सों में बड़े कार्यक्रम हुए। शहर में रैली निकाली गई, जोकि अलग अलग इलाकों से गुजरती हुई बड़ोखर पहुंचीं। जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। भारत रत्न संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने वंचित और पिछड़े वर्ग को आगे लाने में तो महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ही, लेकिन उन्होंने हर वर्ग को राह दिखाते हुए आगे बढ़ाया।

प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनको किया याद

इस मौके पर जिला कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष दीपक शर्मा ने अंबेडकर जी की प्रतिमा पर पुष्प एवं माल्यार्पण कर उनको याद किया। आगे उन्होंने कहा कि बाबा साहब हम सभी के लिए उदाहरण हैं कि शिक्षा से सब कुछ मिल सकता है। जब समाज में ऊंच-नीच, जाति-पांत का भेदभाव की भावना थी, तब बाबा साहब ने उच्च शिक्षा प्राप्त की तथा हमारे देश के प्रथम कानून मंत्री तथा संविधान सभा के अध्यक्ष बने।

Morena News : धूमधाम से मनाई गई डा. भीमराव आंबेडकर जयंती, रैली का जगह-जगह हुआ स्वागत

उन्होंने कहा कि भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी 32 डिग्रियों के साथ, 9 भाषाओं के सबसे बेहतर जानकार थे। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में मात्र 2 साल 3 महीने में 8 साल की पढ़ाई पूरी की थी। वह लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से ‘डॉक्टर ऑल साइंस’ नामक एक दुर्लभ डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने वाले भारत के ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के पहले और एकमात्र व्यक्ति हैं। 1920 के दशक में मुंबई में डॉ भीमराव अंबेडकर जी ने अपने भाषण में यह साफ-साफ कहा था कि “जहां मेरे व्यक्तिगत हित और देश हित में टकराव होगा वहां पर मैं देश के हित को प्राथमिकता दूंगा परंतु जहां दलित जातियों के हित और देश के हित में टकराव होगा वहां मैं दलित जातियों को प्राथमिकता दूंगा।” वे दलित वर्ग के लिए मसीहा के रूप में सामने आए जिन्होंने अपने अंतिम क्षण तक दलितों को सम्मान दिलाने के लिए संघर्ष किया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में रैली निकाल रहे अंबेडकर समर्थकों का शहर के शुरू में ही जसवीर गुर्जर ने भव्य स्वागत किया।
मुरैना से नितेंद्र शर्मा की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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