मुरैना, नितेंद्र शर्मा। प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा 2015 में इसलिए किया गया कि जो देश का गरीब तबका है इस योजना का लाभ उठाकर अपने सर पर छत ला सके, योजना के अंतर्गत ऐसे व्यक्ति जो झुग्गी-झोपड़ी में अपना जीवन जी रहे हैं या कहा जाए तो बीपीएल लाइन में आने वाले व्यक्तियों को इस योजना का लाभ मिल सके। इस योजना में आवास राशि बैंक द्वारा आवेदन कर्ता के खाते में आती है उसके बाद वह चार किस्तों में सरकार को देता है जिसमें इन्हें इस योजना के तहत सब्सिडी का भी प्रावधान रखा गया है। बता दें कि शहरों के लिए अलग एवं ग्रामीणों के लिए अलग-अलग यह योजना पूरे देश में चलाई जा रही है। पर कुछ क्षेत्र ऐसे है जहां इस योजना का गरीब परिवारों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।
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बात की जाए मुरैना जिले (Morena District) की तो मुरैना शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान शहर से लगभग 3 किलोमीटर दूर अतरसुमा गांव में लगभग पूरे ही बन चुके हैं। कुछ लोग तो इन मकानों में रह भी रहे हैं परंतु इस आवास योजना का लाभ उन लोगों को नहीं मिल पा रहा जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। शहर में ऐसे सैकड़ों परिवार हैं जोकि प्रधानमंत्री आवास योजना में पूरा पैसा भर चुके हैं या फिर एक आधा के ही बाकी है फिर भी इन लोगों को अभी तक इनके सर पर सरकार ने छत मुहैया नहीं कराई है जब इन लोगों से बात की तो पता चला की 6 से 8 महीने से यह लोग नगर निगम के चक्कर लगा रहे हैं जब नगर निगम में जा कर यह अपने आवास की चाबी मांगते हैं तो निगम कर्मचारी कह देते हैं कि अभी ऊपर से आर्डर नहीं है इन लोगों के बार-बार निवेदन करने पर बोला जाता है कि कोई चाबी नहीं है जाकर सीएम हेल्पलाइन पर 181 पर शिकायत करो या फिर कोर्ट में जाओ, इस बारे में अधिक जानकारी के लिए जब निगम के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की तो इस बारे में उन्होंने बात करने से मना कर दिया उसके बाद इस योजना का ठेका जिस ठेकेदार पर है उससे हमने फोन पर बात की तब उसने बताया की निगम ने उनका पेमेंट नहीं किया है इसीलिए ठेकेदार ने निगम को मकानों का पजेशन नहीं दिया।
किश्तें जमा, पर मकान नहीं मिला
प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित एक पीड़ित ने बताया कि हमारी मकान की दोनों किस्त जमा हो गई है लेकिन मकान के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। किस तरीके से काम हो रहा है क्या परेशानी है किसी तरह की कोई जानकारी नहीं मिल रही है। घरों का काम पेंडिंग चल रहा है। आवास कब मिलेगा इसका कोई भरोसा नहीं है।
वहीं शिकायत करने आई एक महिला ने बताया कि उन्होंने आवास के लिए 2 लाख भर चुकी हैं। 6 महीने से अधिक हो गया है लेकिन अभी तक मुझे मकान की चाबी नहीं दी गई है। मैं किराए के मकान में रहती हूं, किराया देने के लिए भी मेरे पास पैसे नहीं बचे हैं। वहीं बारे में संबंधित अधिकारियों से बात की जाती है तो उनका कहना है कि हमारे पास कोई आर्डर नहीं है आप जनसुनवाई में जाइए।
देखा जाए तो यह सब विवादों के बीच में मरना आम जनता का है जोकि सरकार से पैसे भी ले चुके हैं मकान भी नहीं मिला और ब्याज भी देना पड़ रहा है और स्थितियां जस की तस है।