हत्या के मामले में फरार चल रहे तीन इनामी आरोपी को मुरैना पुलिस ने किया गिरफ्तार

Gaurav Sharma
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मुरैना, संजय दीक्षित। पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हंसराज सिंह के निर्देशन में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए थाना प्रभारियों को दिशा निर्देश दिए गए थे। इसी निर्देशन में स्टेशन थाना पुलिस ने हत्या के मामले में फरार तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया हैं। स्टेशन थाना क्षेत्र के ग्राम जेबरा खेड़ा में कुछ माह पूर्व जमीनी विवाद को लेकर एक युवक की हत्या कर दी गयी थी। जिसमें हत्या करने के बाद आरोपी फरार हो गए थे।

स्टेशन थाना प्रभारी आशीष राजपूत ने उपनिरीक्षक रामशरण शर्मा के नेतृत्व में टीम बनाकर जेबरा खेड़ा गांव में भेजी। वहां पुलिस ने जाकर देखा तो गांव में भारी तनाव था। जिसमें काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने हत्या के मामले में फरार चल रहे दो आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार कर लिया था। शेष तीन आरोपियों पर पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया के द्वारा 5000- 5000 रुपए का इनाम घोषित किया गया था।

पुलिस ने फरार आरोपियों की तलाशी के लिए जगह जगह दविश दी, लेकिन आरोपियों का कोई भी अता पता नही था। तभी आज स्टेशन थाना प्रभारी आशीष राजपूत को मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि जेवरा खेड़ा गांव में हत्या के मामले में फरार चल रहे 5000-5000 रुपए के इनामी आरोपी डोंगरपुर कुआं के पास बैठे हुए हैं।

मुखबिर की सूचना से उपनिरीक्षक रामशरण शर्मा ने मय फ़ोर्स के दबिश दी तो 3 युवक खेतों में पुलिस को देखकर भागने लगे। पुलिस ने पीछा कर राधेश्याम दंडोतिया पुत्र आसाराम दंडोतिया, श्रीनिवास डंडोतिया पुत्र आसाराम डंडोतिया और विकास पुत्र राधेश्याम दंडोतिया को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है ।

हत्या के मामले में फरार आरोपियों पर पुलिस अधीक्षक के द्वारा पांच-पांच हज़ार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। उक्त कार्रवाई में स्टेशन थाना प्रभारी आशीष राजपूत,उपनिरीक्षक रामशरण शर्मा,आर बृजेंद्र पाराशर, सुनील पाठक, अराफत खान, दिनेश यादव, संतोष बाथम, उदयवीर सिंह और कपिल पचौरी की सराहनीय भूमिका रही।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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