मुरैना, संजय दीक्षित। सीधी हुए बस कांड में जान गवाने वाले में 53 लोगों के परिवारों पर क्या बीत रही है यह तो उनके परिवार वालों को पता है। जो बस ड्राइवर और कंडक्टर अपनी कमाई के लालच में दूसरों की जान की परवाह नहीं करते और बेखौफ होकर ओवरलोड बसों में सवारियों को भरकर ले जाते हैं। हकीकत तब उजागर हुई जब सीएम शिवराज सिंह चौहान के गुस्से के बाद परिवहन अमला सड़कों पर उतर आया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने परिवहन विभाग के अधिकारियों की जमकर फटकार लगाई। जिसमें सीधी की आरटीओ सहित अन्य अधिकारियों के निलंबन के बाद मुख्यमंत्री ने सघन चेकिंग के निर्देश कलेक्टर को दिए। इस निर्देश के बाद ग्वालियर आयुक्त ने मुरैना आरटीओ अर्चना परिहार के साथ मिलकर नेशनल हाईवे पर ओवरलोड बसों में सवारियां भरकर दौड़ रहे वाहनों को रोक कर चेकिंग की गई। जिसमें कई बसों के फिटनेस नहीं थे, किसी के पास परमिट नहीं था, किसी के पास पॉल्यूशन नहीं था,जिसमें ये भी देखा गया की बसों के अंदर अग्निशमन यंत्र भी उपलब्ध नहीं थे।
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अगर कोई हादसा होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा। सवारियों से दुगना रुपए वसूलने वाली बसों में सुख सुविधा के नाम पर मात्र औपचारिकता पूरी की गई है। जबकि बसों में अग्निशमन यंत्र और एक इमरजेंसी खिड़की भी होनी चाहिए थी लेकिन कई बसों में देखा गया है कि यह सुख सुविधा उपलब्ध नहीं है।नेशनल हाइवे पर चेकिंग पॉइंट लगाकर ओवरलोड वाहनों में 54 गाड़ियों में अनियमितता पाई गई। वहीं 14 ओवरलोड बस, 1 बस बिना परमिट, दो बसों की फिटनेस ठीक नही थी,2 बसों पर पोलूशन कार्ड ना होने पर कार्रवाई की गई।
परिवहन आयुक्त श्री जैन, आरटीओ अर्चना परिहार, परिवहन निरीक्षक सचदेव सिकरवार सहित अन्य कर्मचारियों ने ओवरलोड बसों की चेकिंग की।परिवहन की टीम द्वारा ग्वालियर से मुरैना से गुजरने वाली बसों को रोककर भी चेकिंग की गई तथा बिना परमिट बसों को जप्त कर चालानी कार्रवाई कर उनसे जुर्माना वसूला गया।
इस दौरान 1,12500 की सीएफ काटी गई और 1,6,5427 मोटरयान कर वसूला गया। कुल राजस्व 2,77, 927 वसूला गया। इसके साथ ही ओवरलोड पाई गई 4 बसों के परमिट के निलंबन की भी कार्रवाई की गयी है। अब देखना है कि ये कार्यवाही कितने दिन चलती हैं या फिर अधिकारी हाथ पर हाथ धरकर बैठ जाते हैं।या फिर कुछ दिनों बाद कंडम वाहन सड़कों पर फर्राटे मारते हुए नजर आएंगे।परिवहन विभाग की चेकिंग निरंतर चलती रही तो कहीं न कहीं राजस्व को फायदा होगा और ओवरलोडिंग सवारी भरने वालों में विभाग का खोफ होगा।