मुरैना, संजय दीक्षित। मुरैना (Morena) में साइबर सेल (cyber cell) से फ्रॉड (fraud) करने वाले अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि अब आम जनता के साथ-साथ पुलिस वालों को भी नहीं बख्श रहे हैं। साइबर फ्रॉड (cyber fraud) करने वाले बदमाश पुलिस को चुनौती दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है मुरैना जिले (Morena District) के अंबाह (Ambah) से। जहाँ अम्बाह थाना क्षेत्र में पदस्थ एसडीओपी (SDOP) अशोक सिंह जादौन के साथ अपराधी ने उनके नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट (fake facebook account) बनाकर दोस्तों से पैसे मांगने लगा, क्योंकि अंबाह एसडीओपी अशोक सिंह अपनी फेसबुक अकाउंट बहुत ही कम यूज करते हैं। इसलिए इस बात की उन्हें खबर भी नहीं लगी।
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ऐसे चला पता
30 तारीख को रीवा में पदस्थ एसडीपीओ के दोस्त ने उनसे पूछा कि भाई तुम्हें ₹5000 की क्या जरूरत पड़ी है। जो तुम अपनी फेसबुक आईडी पर लिखकर सार्वजानिक कर रहे हो। एसडीओपी ने जैसे ही सुना अचंभा करने लगे और अपना फेसबुक अकाउंट देखा तो उन्हें पैसों की मांग करने वाली बात फेसबुक पर दिखाई दी। उसके बाद उन्होंने टीम गठित कर अपराधी की खोज खबर ली, क्योंकि मामला एक वरिष्ठ पुलिस अफसर का था इसलिए उसको सार्वजनिक नहीं किया गया। साइबर सेल ने पता लगाया कि जिसने उनका फेसबुक अकाउंट हैक करके फोटो लगाकर नकली फेसबुक अकाउंट बनाया है। वह आरोपी राजस्थान (Rajasthan) के कोटा का रहने वाला है। पुलिस की टीम ने दबिश देकर आरोपी को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी का नाम रविकांत मीणा बताया गया है। पुलिस ने आरोपी से कड़ाई से पूछताछ की तो उसके पास से दो मोबाइल जब्त किए है उसने न केवल एसडीओपी के नाम से दूसरा फर्जी अकाउंट बनाया है बल्कि वह लोगों को प्रेम जाल में फंसा कर उन्हें ब्लैकमेल (blackmail) भी करता है। जब इस बात का पता चला तब पुलिस ने आरोपी से सख्ती से पूछताछ की। आरोपी ने बताया की दोनों मोबाइल में एक में लड़के का फेसबुक अकाउंट चलता है तथा दूसरे में लड़की का अकाउंट चलता है। दोनों मोबाइलों में अकाउंट के बीच चैट होती है ।
बताया जाता है कि साइबर सेल के फ्रॉड करने वाले कुछ लोग राजस्थान के भरतपुर जिले के रहने वाले हैं। इस गांव में सबसे अधिक साइबर अपराधी हैं। उनका एकमात्र धंधा साइबर अपराध करना तथा लोगों को ब्लैकमेल करना है। पुलिस ने जिस रविकांत मीणा नामक युवक को अकाउंट हैक के मामले में पकड़ा है वह ब्लैकमेलर भी बताया गया है। इसके पीछे मुख्य कारण उसके पास मौजूद दोनों मोबाइलों में एक लड़की वह दूसरे में लड़की का फेसबुक अकाउंट बताया गया है । जिसमें आरोपी दोनों मोबाइलों में आपस में चैट करता है। पिछले कई बार बात करने वालों में व्यक्ति को पहले महिला बनकर ललचाया गया उसके बाद उनकी तस्वीरें खींचकर ट्रिक फोटोग्राफी करके उसे सार्वजनिक करने की धमकी दी जाती थी और उनसे पैसे ऐंठेने का काम करते थे ।
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आरोपी के मोबाइल में करीब 15 फर्जी फेसबुक अकाउंट और इंस्टाग्राम भी बने हुए थे। आरोपी ने अपनी बहन और रिश्तेदारों के मोबाइलों से फर्जी फेसबुक आईडी बना कर ब्लैकमेलिंग करने का काम करता था और लड़कियों की आवाज बोलकर वॉइस रिकॉर्डिंग भी मोबाइल पर व्हाट्सएप करके भेजता था। जिससे लोग उसके चंगुल में फंस सके और ब्लैकमेलिंग का शिकार हो सके। आरोपी बीएससी सेकंड ईयर का छात्र है। एसडीओपी ने मामले को तत्परता से लेते हुए आरोपी को 24 घंटे में गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
इस पूरे मामले में एसडीओपी अशोक सिंह जादौन ने बताया कि में फेसबुक अकाउंट बहुत ही कम खोलता हूँ। 30 अगस्त को रीवा में पदस्थ एक वरिष्ठ अधिकारी ने उनको बताया कि ₹5000 की तुम्हें क्या जरूरत पड़ी है। फेसबुक को खोलने के बाद पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। अकाउंट हैक करने वाले आरोपी से पूछताछ में कई खुलासे होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। उससे पता लगेगा कि उसने कितने लोगों को ब्लैकमेल किया है। जो इस आरोपी का शिकार हो चुके हैं।