युवक ने चोर को पकड़कर पुलिस को सौंपा, पुलिस ने आरोपी को छोड़ दिया

Atul Saxena
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Morena Crime News : बढ़ते अपराधों को लेकर लोग पुलिस पर उंगलियां उठाते हैं ये लाजमी भी है लेकिन अब एक ऐसी खबर सामने आई है कि आप समझ जायेंगे कि आखिरकार मध्य प्रदेश की पुलिस कैसा काम कर रही है, मामला मुरैना के स्टेशन रोड थाना क्षेत्र का है।

मोबाइल चोर को पकड़ा

जानकारी के मुताबिक बड़ी लालौर गांव में रहने वाले पंकज के घर में घुसकर एक युवक चोरी के इरादे से घुसा और वो  मोबाइल चोरी कर ले जा रहा था तभी उसकी नींद खुल गई और उसने चोर को पकड़ लिया, उसने डायल 100 को कॉल किया और चोर को पकड़ कर स्टेशन रोड थाने लेकर पहुंचा, और चोर को पुलिस को सौंप दिया।

पुलिस के सामने चोर ने घटना स्वीकार की

पुलिस ने आरोपी युवक से पूछताछ की जिसमें उसने मोबाइल चोरी करने की वारदात को स्वीकार किया, फरियादी पंकज ने इसकी रिकॉर्डिंग भी अपने मोबाइल में कर ली, लेकिन थोड़ी देर बाद पुलिसकर्मियों ने आरोपी को शराबी, बेवड़ा बताकर थाने से छोड़ दिया।

पुलिस पर आरोपी को छोड़ने का आरोप

फरियादी पंकज ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने बिना पूछताछ के चोर को छोड़ दिया है अगर पुलिस सख्ती से पूछताछ करती तो चोर दोनों मोबाइल की चोरी को कबूल कर लेता, लेकिन पुलिसकर्मियों की लापरवाही से चोर सरेआम गांव में घूम रहा है।

सीएसपी ऑफिस में नहीं हुई सुनवाई

इतना ही नहीं स्टेशन रोड थाना पुलिस की इस लापरवाही की शिकायत लेकर पंकज सीएसपी कार्यालय भी गया, वहां भी उसने कई घंटे इन्तजार किया लेकिन यहाँ भी उसे निराशा ही हाथ लगी, सीएसपी साहब ऑफिस में थे नहीं और किसी स्टाफ ने उससे आवेदन लिया नहीं जिसके बाद निराश होकर वो अपने घर लौट गया।

बहरहाल पुलिस की कार्यशैली पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं जिसे कई बार पुलिस नकारती है लेकिन इस घटना का पुरे सुबूत मौजूद हैं, यदि पुलिस चोरों को इसी तरह से थाने से छोड़ती तो आम जनता का भरोसा पुलिस से पूरी तरह से उठ जाएगा और चोर सरेआम वारदातों को अंजाम देते रहेंगे।

मुरैना से संजय दीक्षित की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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