MP News: मध्य प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र का आज पांचवा दिन है। वहीं बीजेपी नेता हितेश वाजपेयी ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए सदन सत्र की समीक्षा की है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि सदन में जनता से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर सरकार से बात करने की जिम्मेदारी प्रतिपक्ष की होती है, लेकिन कांग्रेस ने इसमें पूरी तरह से विफलता दिखाई है।
हितेश वाजपेयी का ट्वीट:
दरअसल हितेश वाजपेयी ने अपने ट्वीट में लिखा कि, “सदन-सत्र-समीक्षा: सदन में जनता से जुड़े विषयों पर सरकार से बात हो इसकी जिम्मेदारी प्रतिपक्ष की होती है! सदन में या सदन के बाहर कांग्रेस का कोई जुड़ाव ही नहीं दिखा जन सरकारों से! एक भी मीडिया बाईट नर्सिंग प्रोपगंडा को छोड़कर हमें नहीं सुनाई दी!”
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सदन-सत्र-समीक्षा :सदन में जनता से जुड़े विषयों पर सरकार से बात हो इसकी जिम्मेदारी प्रतिपक्ष की होती है !
सदन में या सदन के बाहर कांग्रेस का कोई जुड़ाव ही नहीं दिखा जन सरकारों से !
एक भी मीडिया बाईट नर्सिंग प्रोपगंडा को छोड़कर हमें नहीं सुनाई दी !जैसे कि यदि… pic.twitter.com/jPrOuIHSec
— Dr.Hitesh Bajpai MBBS (@drhiteshbajpai) July 5, 2024
उन्होंने आगे कहा कि, “जैसे कि यदि मैं प्रतिपक्ष में होता तो चिकित्सा शिक्षा और सेवाओं के विभागों के विलय को हम कैसे बेहतर बना सकते हैं इस पर विमर्श का प्रयास करता और इस विषय पर प्रतिपक्ष इसकी चुनौतियों को बताता!”
महत्वपूर्ण मुद्दों पर विमर्श की आवश्यकता
हितेश वाजपेयी ने अपने ट्वीट में प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रर्बन-विकास मॉडल और मध्यप्रदेश पर एक अच्छा विमर्श हो सकता था। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि मोटे अनाज की बेहतर व्यवस्था के लिए विमर्श होना चाहिए था, क्योंकि यह अब एक अच्छी व्यावसायिक-खेती में आ गया है और प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से अच्छी कीमत भी मिलने लगी है।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता
दरअसल वाजपेयी ने यह भी कहा कि हर संभागीय मुख्यालय पर पेट-स्कैन और कैंसर केयर को सरकारी संस्थानों में उपलब्ध कराने के लिए विमर्श होना चाहिए था। इसके अलावा, आयुष्मान योजना, जो गरीब वर्ग के लिए सफल रही है, उसे मध्यम वर्ग और शासकीय एवं अर्धशासकीय वर्ग तक कैसे पहुंचाया जा सकता है, इस पर एक मार्गदर्शक विमर्श होना चाहिए था।
वाजपेयी ने कहा कि प्रतिपक्ष ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई और जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। उन्होंने कहा, “सारा का सारा समय उमंग जी और हेमंत भाई के अपरिपक्व एकमेव राजनैतिक स्कोर के लिए कुर्बान हो गया जबकि बजट सत्र जनता की आवश्यकताओं को उसमें समाहित करने के आग्रहों के साथ संपन्न हो सकता था!”
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की तारीफ
इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि नए मुख्यमंत्री होने के नाते उन्होंने सकारात्मक विमर्श के दरवाजे खोलकर रखे थे और अपमानजनक परिस्थितियों में भी कभी अपना आपा नहीं खोया। वे कुछ सार्थक विमर्श के प्रतिफल का इंतजार ही करते रह गए।
दरअसल हितेश वाजपेयी का यह ट्वीट कांग्रेस पर एक तीखा तंज है, जिसमें उन्होंने प्रतिपक्ष की नाकामी को उजागर किया है। उन्होंने बताया कि किस तरह से महत्वपूर्ण मुद्दों पर विमर्श की आवश्यकता थी, लेकिन प्रतिपक्ष ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। वाजपेयी के अनुसार, यह जनता के पैसे का दुरुपयोग है और इससे जनता को कुछ भी हासिल नहीं हुआ, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।