MP News : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की रायसेन मामले में कड़ी कार्रवाई, संबंधित अधिकारियों को किया गया निलंबित, बाल आयोग अध्यक्ष ने किया धन्यवाद

MP News : मुख्यमंत्री मोहन यादव की त्वरित कार्रवाई को देखते हुए NCPCR अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सीएम डॉ.मोहन यादव को धन्यवाद दिया है। दरअसल इस दौरान उन्होंने कहा कि - "मुख्यमंत्री महोदय आपकी संवेदनशीलता अनुकरणीय है, प्रदेश के बच्चो का भविष्य और हित निश्चित ही आपके हाथों में सुरक्षित है।"

Rishabh Namdev
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MP News : रायसेन जिले की एक शराब फैक्ट्री में बाल श्रम के मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर बड़ी कार्रवाई की गई है। मामले के संज्ञान में आने के बाद, अधिकारियों पर कठोर कदम उठाए गए हैं। दरअसल रायसेन जिले की एक शराब फैक्ट्री, मैसर्स सोम डिस्टलरीज प्राइवेट लिमिटेड, में बाल श्रम का मामला सामने आया था। फैक्ट्री में लगभग 50 से अधिक बच्चे शराब बनाने का काम करते हुए पाए गए थे, जिनमें 20 लड़कियाँ भी शामिल थीं। वहीं अब इस गंभीर मामले ने मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अधिकारियों पर कड़ी करवाई की गई है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर कार्रवाई:

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिसके चलते, जिला आबकारी अधिकारी कन्हैयालाल अतुलकर को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, जिले के तीन आबकारी उप निरीक्षकों, प्रीति शैलेंद्र उईके, शैफाली वर्मा और मुकेश कुमार, को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही श्रमायुक्त ने आदेश जारी करते हुए श्रम निरीक्षक मंडीदीप राम कुमार श्रीवास्तव को भी निलंबित कर दिया है।

NCPCR अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सीएम को दिया धन्यवाद:

वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव की त्वरित कार्रवाई को देखते हुए NCPCR अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सीएम डॉ.मोहन यादव को धन्यवाद दिया है। दरअसल इस दौरान उन्होंने कहा कि – “मुख्यमंत्री महोदय आपकी संवेदनशीलता अनुकरणीय है, प्रदेश के बच्चो का भविष्य और हित निश्चित ही आपके हाथों में सुरक्षित है।” दरअसल NCPCR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने रायसेन शराब फैक्ट्री में बाल श्रमिकों के गायब होने के मामले में प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया था। उन्होंने सवाल उठाया था, कि SDM को मात्र 20 किलोमीटर की दूरी तय करने 5 घंटे क्यों लग गए। दरअसल कानूनगो ने इसे प्रशासनिक लापरवाही का गंभीर उदाहरण बताया था। हालांकि अब उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की त्वरित कार्रवाई को देखते हुए धन्यवाद किया है।

बाल श्रम निरोधक माह के अंतर्गत कार्रवाई:

दरअसल बाल श्रम निरोधक माह के अंतर्गत ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ से प्राप्त शिकायत के आधार पर रायसेन जिले में स्थित सोम डिस्टलरी का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि फैक्ट्री में 50 से अधिक बच्चे शराब बनाने का काम कर रहे थे। इनमें से कई बच्चे रसायनों के संपर्क में आने के कारण हाथ की चमड़ी जलने की समस्या से पीड़ित थे।

आबकारी विभाग की जवाबदेही:

NCPCR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने रायसेन शराब फैक्ट्री में बाल श्रमिकों के गायब होने के मामले में प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने सवाल उठाया कि SDM को मात्र 20 किलोमीटर की दूरी तय करने 5 घंटे क्यों लग गए। दरअसल कानूनगो ने इसे प्रशासनिक लापरवाही का गंभीर उदाहरण बताया। जानकारी के अनुसार यह फैक्ट्री सरकार के आबकारी विभाग की देखरेख में संचालित है। आबकारी अधिकारी का दफ़्तर भी उसी परिसर में स्थित है। इस मामले ने आबकारी विभाग की जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बच्चों को खतरनाक रसायनों के संपर्क में आने से होने वाले नुकसान को देखते हुए यह स्पष्ट है कि इस मामले में बड़ी लापरवाही बरती गई है।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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