MP News : अजब गजब एमपी – जात न पूछो…

Published on -
MP News

MP News : मध्य प्रदेश के विभाग में इन दिनों फर्जी जाति का खेल तेजी से चल रहा है। दरअसल फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए लोक निर्माण विभाग में कई अधिकारियों के अपनी सरकारी नौकरी पक्की करने की बात सामने आ रही है। हालांकि अब इन पर शासन की नजर पड़ गई है। वहीं फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में अधिकारी की कई बार शिकायत होने के बावजूद उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। हालांकि फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले का खुलासा होने के बाद अधिकारी खुद को निर्दोष बता रहे हैं।

मामला लोक निर्माण विभाग का है –

लोक निर्माण विभाग में प्रमुख अभियंता नरेंद्र कुमार है जो उत्तरप्रदेश के निवासी है। वह कोली जाति पिछड़ा वर्ग यानि ओबीसी में आती हैं। मध्यप्रदेश में कोली जाति को अनुसूचित जाति में माना गया है। लेकिन इसके आरक्षण का लाभ लेने के लिए 1950 सन से पहले मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना जरुरी होता है। ऐसे में नरेंद्र कुमार ने इसका फायदा उठाया है। उन्होंने जोड़ तोड़ कर झाबुआ जिले से कोली जनजाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवा लिया। वह अब तक इसी फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षण का लाभ लेते आए है।

अब वह नौकरी में पहले पायदान से लंबा सफर तय कर के अंतिम पद तक पहुंच गए हैं। नरेंद्र कुमार के फर्जी जाति प्रमाण पत्र को लेकर विभाग के आला अधिकारियों से लेकर ईओडब्ल्यू में कई बार शिकायतें दर्ज हुई। लेकिन मध्यप्रदेश के नवनिर्माण में जुटी अफसरशाही ने जांच करने के बदले इस मामले को फाइलों में दफ़न कर दिया। लेकिन इस फर्जी जाति प्रमाण पत्र का खुलासा हुआ तो नरेंद्र कुमार खुद को निर्दोष बता रहे हैं। लेकिन अनुसूचित जाति का लाभ लेने के लिए साल 1950 के पहले का मूल निवासी होने का साक्ष्य भी नहीं दे पा रहे हैं।

अभी लोक निर्माण विभाग की महत्वपूर्ण इकाई पीआईयू संचालक पश्चात ईएनसी पी डब्लू डी नरेंद्र कुमार जिनपर मध्यप्रदेश सड़क विकास प्राधिकरण में साल 2014 से 2017 तक चीफ़ इंजीनियर रहने के दौरान भी अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए जा चुके हैं। ऐसे में सबसे बड़ा आरोप यह है कि उन्होंने प्राधिकरण द्वारा बनाई गई 115 सड़कों में से 72 की रफनेस जांच अपने पुत्र और नजदीकी रिश्तेदारों की फर्म से नाजायज लाभ पहुंचा कर बनवाई। जबकि ये काम कराने के लिए नो रिलेशनशिप का नियम पहले से बना हुआ है।

इस मामले की ईओडब्ल्यू में शिकायत भी हुई है। लेकिन जाति प्रमाण पत्र को लेकर कार्यवाही से बच रहे ताकतवर ईएनसी के खिलाफ इस शिकायत पर भी समुचित कार्रवाई होने की उम्मीद ना के बराबर है। कारण बताया जाता है की इस मामले में विभाग के प्रमुख सचिव सहित पी डब्लू डी मंत्री की रुचि कम ही बताई जा रही है। EOW से मामले की शिकायत होने के बाद जाति प्रमाण पत्र के मामले में कार्यवाही पर फिलहाल किसी भी तरह की अपडेट सामने नहीं आई है। हालांकि अधिकारी के फर्जी प्रमाणपत्र घोटाले सामने आने के बाद इस मामले में कई तरह के सवाल उठने तो लाजमी है, अब आगे इस पर विभाग और शासन द्वारा क्या कार्रवाई की जाती है। यह तो आने वाला समय ही बताएगा।


About Author

Ayushi Jain

मुझे यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि अपने आसपास की चीज़ों, घटनाओं और लोगों के बारे में ताज़ा जानकारी रखना मनुष्य का सहज स्वभाव है। उसमें जिज्ञासा का भाव बहुत प्रबल होता है। यही जिज्ञासा समाचार और व्यापक अर्थ में पत्रकारिता का मूल तत्त्व है। मुझे गर्व है मैं एक पत्रकार हूं।मैं पत्रकारिता में 4 वर्षों से सक्रिय हूं। मुझे डिजिटल मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया तक का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कंटेंट राइटिंग, कंटेंट क्यूरेशन, और कॉपी टाइपिंग में कुशल हूं। मैं वास्तविक समय की खबरों को कवर करने और उन्हें प्रस्तुत करने में उत्कृष्ट। मैं दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली से संबंधित विभिन्न विषयों पर लिखना जानती हूं। मैने माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएशन किया है। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन एमए विज्ञापन और जनसंपर्क में किया है।

Other Latest News