Sheesh Mahal : 100 साल पुराना है चांदी और बेल्जियम कांच से बना ये अनोखा मंदिर, क्या आपने किया दीदार?
इंदौर पर्यटकों की पहली पसंद है। यहां के धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर का दीदार करने सबसे ज्यादा लोग आते हैं। इन्हीं में से एक हैं फेमस कांच मंदिर (Sheesh Mahal)
Sheesh Mahal : मध्य प्रदेश का दल इंदौर शहर स्वच्छता के साथ-साथ अपने नवाचारों के लिए अक्सर सुर्खियों में रहता है। इंदौर शहर पर्यटकों की पहली पसंद इंदौर बना हुआ है। मध्य प्रदेश पवित्र धार्मिक स्थल के लिए प्रसिद्ध है। यहां वैसे तो कई ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक स्थल मौजूद है लेकिन सबसे ज्यादा लोग धार्मिक स्थलों पर जाना पसंद करते हैं।
आज हम आपको इंदौर के सबसे प्रसिद्ध जैन मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपनी कलाकृति के कारण देश भर में प्रसिद्ध है। यह मंदिर इंदौर के कांच मंदिर के नाम से फेमस है। ये एक टूरिस्ट स्पॉट भी है। दूर-दूर से लोग इस मंदिर का दीदार करने के लिए आते हैं। इसे शीश महल के नाम से भी जाना जाता है। चलिए जानते हैं इस महल की खासियत क्या है, क्यों यह देश भर में प्रसिद्ध है?
इंदौर का Sheesh Mahal
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इंदौर के कांच मंदिर का निर्माण ईरान और जयपुर के कारीगरों द्वारा किया गया है। शहर के बड़े कपड़ा व्यापारी सेठ हुकुमचंद द्वारा इसकी स्थापना 1903 में करवाई गई थी। इसे बेल्जियम के कांच से और चांदी से कारीगिरी कर के तैयार किया गए है। ये मंदिरकपड़ा मार्केट के बीच स्थित है जो लोगों के आकर्षण का केंद्र है।
100 साल पुराना है Kanch Mandir
ये राजवाड़ा से कुछ ही दूरी पर स्थित है। दिखने में तो ये मंदिर बेहद ही साधारण है लेकिन अंदर का नजारा देख लोग मंत्र मुग्ध हो जाते हैं। ये हूबहू राजस्थान के आमेर किले में स्थित शीश महल जैसा दिखाई देता है। इस मंदिर को करीब 100 साल से ज्यादा हो चुके हैं। ये जैन समज का मंदिर है।
खास बात ये है कि इसमें जैन समाज से जुड़ी हुए करीब 50 दृश्य दिखाई देते हैं। वहीं इसके दरवाजे भी चांदी की परत से बनाए गए है। बता दे, मंदिर में मुख्य मूर्ति शांतिनाथ भगवान की है। वहीं आसपास श्री चंद्रपभा भगवान और आदिनाथ भगवान की मूर्ति स्थापित है।
मंदिर खुलने का समय
जैन त्यौहारों के वक्त मंदिर में भक्क्तों की भीड़ देखने को मिलती है। दूर-दूर से लोग मंदिर में भगवन के दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर के खुलने का समय सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक है। शाम को 4 बजे से रात 8 बजे तक आप यहां दर्शन के लिए जा सकते हैं।