भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में मौसम (weather) तेजी से बदल रहा है। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर प्रदेश में भी देखने को मिला रहा है। प्रदेश के लगभग सभी जिलों में ठंडक का एहसास होने लगा है। राते सर्द होने के साथ दिन में धूप भी गुनगुनी लग रही है। आने वाले दिनों में ठंड में और बढ़ोत्तरी होगी। मौसम विभाग (weather department) की माने तो इस बाद दिपावली से पहले ही कड़ाके की ठंड पडऩी शुरू हो सकती है।
पिछले दो-तीन दिनों से राज्य के अधिकांश स्थानों पर न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। राजधानी भोपाल में न्यूनतम तापमान नीचे जा रहा है, जिससे सर्दी का एहसास हो रहा है। दिन में धूप गुनगुनी लग रही है। जबलपुर में भी पिछले चार दिनों से लगातार 1 डिग्री पारा नीचे गिरा है, यहां न्यूनतम पारा 16.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। इसके अलावा भी प्रदेश के शिवपुरी, श्योपुर और मुरैना में हल्की बारिश हो चुकी है, जिसने मौसम में ठंडक घुल गई है।
नवंबर-दिसंबर में पड़ेगी जबरदस्त ठंड
मौसम विभाग इस बार पहले ही अधिक सर्दी पडऩे की बात कह चुका है। मौसम विभाग के अनुसार प्रशांत महासागर में ला-निना प्रभाव दिखने लगा है। इसके असर से नवंबर-दिसंबर माह में मध्य प्रदेश में भी जबरदस्त ठंड पड़ेगी। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अजय शुक्ला ने बताया कि ला-निना धीरे-धीरे मजबूत हो रहा है। इसके असर से बेहतर ठंड के मौसम के लिए अनुकूल पश्चिमी विक्षोभ के आने की संख्या तो बढ़ेगी। साथ ही वे अधिक तीव्रता वाले होंगे। इससे नवंबर-दिसंबर माह में उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बरसात के साथ जबरदस्त बर्फबारी होगी। पहाड़ों पर बर्फ जमने से सर्द उत्तरी हवाएं ठंड में इजाफा करेंगी।
जनवरी में भी ठंड से राहत नहीं
इस बार जनवरी माह में भी ठंड से राहत मिलने के आसार नहीं है। नवंबर-दिसंबर माह में ठंडे भूमध्य रेखीय समुद्र सतही तापमान के कारण मध्यम ला-निनों की संभावना है। इसका प्रभाव-जनवरी-2021 में रहने की संभावना है। सामान्य तौर पर ला-निनो कोल्ड विंटर के लिए जाना जाता है। इसके प्रभाव से वायुमंडलीय हवा के ऊपरी भाग के पैटर्न में बदलाव के आसार हैं। जिसके कारण पश्चिमी विक्षोभ की संख्या में वृद्धि होगी। इससे उत्तर भारत में वर्षा तथा बर्फबारी की आवृति अधिक होगी। इस वजह से उत्तर-पश्चिमी भारत एवं मप्र में उत्तरी हवाओं के आने के कारण कड़ाके की ठंड पडऩे की संभावना है।