नरसिंहपुर, डेस्क रिपोर्ट। ज्योतिर्मठ बद्रीनाथ और शारदा पीठ द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को सोमवार यानि आज शाम 4 बजे समाधि दी जाएगी। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती 99 साल की उम्र में रविवार को ब्रह्मलीन हो गए, पिछले कई महीनों से उनका स्वास्थ्य खराब था, रविवार को उनकी तबियत अचानक बिगड़ी और झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में दोपहर करीब साढ़े 3 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके गौलोक गमन की खबर मिलते ही शोक की लहर दौड़ गई, उसके बाद से ही उनके अंतिम दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में भक्त नरसिंहपुर पहुंच रहे हैं। उनकी पार्थिव देह आश्रम के गंगा कुंड स्थल पर रखी गई है। आज दोपहर 1 बजे तक अंतिम दर्शन होंगे। उनके दर्शन करने एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह समेत कई वीआईपी जाएंगे।
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काशी से आए पंडित कराएंगे पूरी विधि
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के पार्थिव शरीर को समाधि देने की पूरी तैयारी हो चुकी है। बताया जा रहा है कि अंतिम दर्शन दोपहर एक बजे तक होंगे। वही सोमवार अलसुबह से ही विशेष पूजा चल रही है। डेढ़ बजे शोकाचार पूजा शुरू होगी। माथे पर शालिग्राम भगवान को विराजित कर दूध से अभिषेक किया जाएगा। इसके बाद श्रृंगार होगा, फिर पालकी में बिठाकर शोभायात्रा निकलेगी, जो परमहंसी गंगा कुंड से भगवती मंदिर तक जाएगी। मंदिर की परिक्रमा के बाद बाहर निकलकर समाधि स्थल पर ले जाया जाएगा। इसके बाद काशी से आए पंडित अवधराम शास्त्री के नेतृत्व में विधि सम्पन्न करवाएंगे।
परंपरा है कि शैव, नाथ, दशनामी, अघोर और शाक्त परम्परा के साधु-संतों को भू-समाधि दी जाती है। भू-समाधि में पद्मासन या सिद्धि आसन की मुद्रा में बैठाकर समाधि दी जाएगी। अक्सर यह समाधि संतों को उनके गुरु की समाधि के पास या मठ में दी जाती है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को भी भू-समाधि उनके आश्रम में दी जाएगी।