भूमाफिया पर हो रहे सख्त एक्शन के बाद भी रसूखदार कॉलोनाइजर अपनी पहुंच और सेटिंग का लाभ उठाकर सरकारी जमीनों पर कब्जे कर कॉलोनी काट रहे हैं और लोगों की गाढ़ी कमी पर डाका डाल रहे हैं, पिछले दिनों ऐसे कई मामले सामने आये जिनपर एक्शन लिया गया और सरकारी भूमि कब्जे से मुक्त कराई गई अब ऐसा ही एक मामला नीमच जिले से सामने आया है।
नीमच जिले की जीरन तहसील में एक कॉलोनाइजर द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर कॉलोनी विकसित करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। श्रीनाथ बिल्डकॉम नामक फर्म ने अपनी अयोध्यापुरी कॉलोनी में राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज भूमि से करीब 0.238 हेक्टेयर (लगभग एक बीघा) अधिक शासकीय जमीन को घेरकर उस पर भूखंड काट दिए। एक शिकायत के बाद हुई प्रशासनिक जांच में इस बात की पुष्टि हो गई है, जिससे भूमाफियाओं में हड़कंप मच गया है।
RERA में शिकायत के बाद शुरू हुई जांच
नीमच निवासी शिकायतकर्ता दीपक चौधरी ने इस मामले की शिकायत सीधे रेरा (भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण, मध्यप्रदेश) में की थी। शिकायत का संज्ञान लेते हुए रेरा भोपाल ने 19 फरवरी 2025 को नीमच कलेक्टर को मामले की विस्तृत जांच के लिए पत्र जारी किया। कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने तत्काल कार्रवाई करते हुए नीमच के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) को जांच का जिम्मा सौंपा। एसडीएम द्वारा 26 मार्च 2025 को जीरन तहसीलदार को जांच के लिए आदेशित किया गया, जिसके बाद जीरन तहसीलदार ने मौजा पटवारी के माध्यम से मौके पर जांच करवाई।
जांच रिपोर्ट मे सरकारी जमीन पर कब्जे का खुलासा
तहसीलदार ने अपनी जांच रिपोर्ट 1 मई 2025 को एसडीएम नीमच को सौंपी। रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि जीरन के सर्वे नंबर 3799/1/21, 3799/1/22, 3799/1/23/1, और 3799/1/23/2, जिसका कुल रकबा 2.09 हेक्टेयर है, राजस्व रिकॉर्ड में श्रीनाथ बिल्डकॉम भागीदारी फर्म बालाजी इन्क्लेव बघाना, नुकूल पिता नंदकुमार जैन के नाम पर दर्ज है। जब ईटीएस (इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन) मशीन से कॉलोनी की बाउंड्रीवॉल का सीमांकन किया गया, तो कुल क्षेत्रफल 2.32 हेक्टेयर पाया गया। यह कॉलोनाइजर के नाम पर दर्ज भूमि से 0.238 हेक्टेयर अधिक था। जांच रिपोर्ट ने स्पष्ट रूप से यह प्रतिवेदित किया कि कॉलोनी के विकास में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया गया है।
कॉलोनाइजर पर FIR की मांग
जांच में पुष्टि होने के बाद शिकायतकर्ता दीपक चौधरी ने कॉलोनाइजर के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा, “जब प्रशासनिक जांच में यह सिद्ध हो गया है कि कॉलोनाइजर ने सरकारी जमीन पर कब्जा किया है, तो अब उन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज होना चाहिए।” चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि कॉलोनाइजर अब मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कलेक्टर हिमांशु चंद्रा पर पूरा भरोसा है, जो जिले में सरकारी जमीनों को माफियाओं से मुक्त कराने के लिए अभियान चला रहे हैं।
क्या बोरखेड़ी पानेड़ी की तरह होगी कार्रवाई?
यह मामला हाल ही में बोरखेड़ी पानेड़ी में हुए एक ऐसे ही प्रकरण की याद दिलाता है, जहां एसडीएम संजीव कुमार साहू की जांच रिपोर्ट के आधार पर शासकीय जमीन की खरीद-फरोख्त के मामले में नीमच सिटी थाने में आठ लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया था। अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन जीरन के इस मामले में भी उतनी ही सख्ती से कार्रवाई करेगा और सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगा?
नीमच से कमलेश सारड़ा की रिपोर्ट





