Neemuch News: नीमच में सींगोली क्षेत्र में बांणदा बांध परियोजना का कार्य प्रारंभ होने के साथ ही आदिवासी समुदाय द्वारा परियोजना का विरोध शुरू हो चुका है। शनिवार को आदिवासियों द्वारा सिंगोली में विरोध स्वरूप धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया। आदिवासी समुदाय के सैकड़ों लोगों ने विरोध दर्ज करवाया। नीमच सिंगोली रोड पर बड़ी पुलिया के पास स्थित मैदान में आदिवासी समुदाय के लोगों ने विरोध प्रकट करते हुए बताया कि बांणदा बांध निर्माण शुरू होने की जानकारी ग्राम जेतलिया, झोपड़िया और बांणदा के आदिवासियों को लगी। जिसके बाद उन्होंने बांध निर्माण का विरोध करना शुरू कर दिया।
आदिवासियों ने मांग की है कि वे लोग अपने परिवार के साथ वर्षों से बाणदा क्षेत्र में कृषि व पशुपालन करते आ रहे हैं, जिससे उनके परिवार का पालन पोषण होता है। बावजूद इसके सरकार उन्हें विस्थापित कर रही है। शासन के फैसले को लेकर उन्होनें कहा।, “हम लोग बर्बाद हो जायेंगे।”
ज्ञापन से पूर्व धरना स्थल पर भीम आर्मी, जयस और भील मिक्ति आदि संगठनों ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बाणदा बांध स्वीकृत किया गया है। जो बिना सहमति सहमति से हुआ है। उसे निरस्त करवाया जाए। बांध के निर्माण को निरस्त करने के लिए पूरे आदिवासी समुदाय ने ग्राम चौपाल आयोजित कर ग्रामसभा रखी। जिसमें समुदाय के सभी लोगों ने एकमत होकर बाणदा बांध निरस्त किये जाने का प्रस्ताव पारित किया।
ज्ञापन में बताया गया कि बाणदा बांध परियोजना से लगभग 1000 हजार से ज्यादा आदिवासी परिवार प्रभावित होंगे। साथ ही हमारी पुश्तेनी कृषि भूमि, गोचर भूमि, धार्मिक स्थल,खेल मैदान सार्वजनिक हेतु भूमि भी डूब क्षेत्र में जा रही है। जिसे हम देने के लिए तैयार नहीं है। शासन के अधिकारीयों द्वारा ग्रामीणों पर दबाव बनाया जा रहा है, जो कि असंवैधानिक है।
ग्राम बांणदा के आदिवासी महिला और पुरुषो जिनमें राजू भील, लाभचंद भील बाबूलाल, श्यामलाल, गोरीलाल शंभूलाल, रूपलाल भील सहित सैकड़ों की तादाद में पुरुष और महिलाओं ने बांध निर्माण को निरस्त करने की मांग करते हुए कहा कि, “सरकार आदिवासियों के हितो पर कुठाराघात करने पर तुली है। आदिवासियों की समस्याओं का निराकरण भी नहीं हुआ और उससे पहले ही बांध निर्माण शुरू कर दिया गया। सरकार की मनमानी से हमारे सामने जीवन यापन का संकट खड़ा हो जायेगा। जब तक उनकी समस्या का पूरी तरीके से निराकरण नहीं हो जाता, तब तक बांध निर्माण नहीं किया जाये। अगर सरकार फिर भी अपनी जिद्द पर अड़ी रहती है तो, हम मर जाएंगे लेकिन बांध का निर्माण नहीं होने देंगे।”
नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट