बसंती को छेड़ा तो गब्बर की खैर नहीं, भोपाल पुलिस चखाएगी मज़ा

Gaurav Sharma
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भोपाल, गौरव शर्मा। भोपाल में अब बसंती न तो गब्बर के सामने नाचेगी और न ही धन्नो को उसको इज़्जत के लिए दौड़ना पड़ेगा, क्यूंकि अगर गब्बर, सांभा और कालिया ने ऐसा करने की कोशिश भी की तो उन्हें 1 साल से लेकर 5 साल तक के लिए न केवल जेल जाना पड़ सकता है बल्कि आर्थिक दंड भी झेलना पड़ सकता हैं।

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इंदौर और भोपाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद कई नवाचार देखने के लिए मिल रहे हैं । इन्हीं नवाचारों की कड़ी में भोपाल पुलिस ने अब अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए लोगों को कानूनों के बारे महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करना शुरू किया है। सोशल मीडिया पर वायरल होते “meme” और “memes” की लोकप्रियता को देखते हुए भोपाल पुलिस ने अपने ट्विटर अकाउंट DCP Bhopal Zone-1 से meme शेयर कर आईपीसी की धारा 354 के बारे में जानकारी दी है।

ट्वीट में लिखा गया है कि ” देश के कानून को जानना और समझना सभी नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है और इसलिए हम आपकी मदद करने के लिए ऐसे सूचनात्मक मेम और स्निपेट साझा करते रहेंगे। इस ट्वीट के साथ जो इमेज शेयर की है उसमें मशहूर फिल्म शोले के किरदार गब्बर और बसंती को दिखाया गया है और उसपर जानकारी देते हुए लिखा है कि यदि गब्बर “शील भंग करने के इरादे से महिला पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल करेगा तो उसे IPC की धारा 354 के अंतर्गत जेल में बंद किया जा सकता है। इमेज के अंदर #knowourlaws और bhopal police भी लिखा देखा सकता है। भोपाल पुलिस के इस नवाचार की ट्विटर पर लोगों द्वारा काफी प्रशंसा भी हो रही है।

क्या है IPC की धारा 354?
IPC की धारा 354 के अनुसार यदि कोई शक्स स्त्री की लज्जा भंग या शील भंग करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करता है तो इस धारा के अंतर्गत उसे 1 से 5 वर्ष तक का कारावास और आर्थिक दंड झेलना पड़ सकता है। साथ ही यह अपराध एक गैर जमानती श्रेणी में आता है जिसका मतलब है की इसमें जमानत केवल कोर्ट द्वारा ही हो सकेगी। इतना ही नहीं यह अपराध महिला द्वारा समझौता करने योग्य नहीं है।

Image Courtesy : DCP Bhopal Zone–1 Twitter account.


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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