No Car Day : मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर शहर में 22 सितंबर के दिन यानी शुक्रवार के दिन नो कार डे मनाया गया। इस दौरान शहर में अधिकतर लोगों ने कार का इस्तेमाल नहीं करा। सभी ने दो पहिया वाहन का इस्तेमाल किया। दरअसल, नो कार डे अभियान इसलिए चलाया गया क्योंकि स्वच्छता के साथ-साथ शहर को प्रदूषण काम करने में और स्वच्छ वायु वाला शहर बनाने में मदद की जा सके, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
दरअसल, नो कार डे वाले दिन इंदौर में वायु प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रहा। जबकि नो कार डे का सभी लोगों ने समर्थन किया। सरकारी अफसरों ने भी निजी और सरकारी वाहनों का इस्तेमाल किया। सबसे ज्यादा शहर में बीते दिन साइकिल, बाइक, ई-रिक्शा और सिटी बस ही चलाई गई। उसके बावजूद वायु प्रदुषण का स्तर सबसे ज्यादा रहा है जो चिंता का विषय है।
16 दिन बाद No Car Day वाले दिन आया अंकों में उछाल
बता दे, पिछले 16 दिनों में ये स्तर सबसे ज्यादा माना गया। अब तक वायु प्रदुषण क्वालिटी इंडेक्स में इसके अंक अच्छे थे लेकिन बीते दिन ये इंडेक्स 93 अंक पर आ गया। 50 से 100 अगर अंक आते हैं तो ये संतोषजनक माने जाते हैं। इसकी जानकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट से सामने आई है। दरअसल, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनवी अलर्ट एप को देखा जाए तो 22 सितंबर के दिन एयर क्वालिटी 93 अंक पर रही।
इससे पहले ये अंक 5 सितंबर तक बना रहा लेकिन उसके बाद इसमें कमी आ गई थी। 8 सितंबर से एक्यूआई 45 और 42 अंक पर आ गया था जो 20 तारीख तक ऐसा ही बना रहा। लेकिन 21 सितंबर के दिन से इसमें उछाल देखने को मिला जो 22 सितंबर तक 93 पर आ गया। नो कार वाले दिन वायु प्रदूषण में 20 अंकों की बढ़ोतरी हुई।
प्रदूषण के स्तर
0 से 50 – अच्छा
50 से 100 – संतोषजनक
101 से 200 – मध्यम
201 से 300- खराब
301 से 400 – बहुत खराब
401 से 500 – अतिगंभीर