भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। केरल सरकार (kerla government) ने आम आदमी को राहत देते हुए अनाज की तरह सब्जियों का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएससी) तय कर दिया है। एक नवंबर से लागू होने जा रही योजना के तहत फिलहाल सरकार ने 16 फल-सब्जियों के दाम तय किए है, इनके दाम उत्पादन लागत से 20 प्रतिशत ज्यादा होगा। केरल सरकार की तर्ज पर मप्र सरकार (mp government) भी इस योजना को लागू कर सकती है। फल- सब्जियों के दाम तय होने से आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी।
देशभर में इन दिनों सब्जियों और फलों के दाम आसमान छू रहे हैं। मप्र की जनता भी इस महंगाई की मार को झेल रही है। बाजार में प्याज (onion) की कीमत 100 रुपए तक पहुंच गई है। वहीं आलू 50 से 60 रुपए बिक रहा है। मौसमी सब्जियों और फलों के दाम भी जेब पर भारी पड़ रहे हैं। बढ़ती महंगाई के कारण जनता सरकार से खासी नाराज है। ऐसे में उपचुनाव (by election) को देखते हुए प्रदेश सरकार को मतदाताओं की नाराजगी का डर सता रहा है। जनता की नाराजगी को दूर करने के लिए शिवराज सरकार (shivraj government) सब्जियों को समर्थन मूल्य पर लेने की तैयारी कर रही है। इस नियम के लागू होने के बाद किसानों के साथ आम जनता को भी राहत मिलेगी। किसान औने पौने दाम पर सब्जी बेचने को मजबूर होते है और बिचौलिए उसे बाजार तक पहुंचने से पहले ही दस गुना तक महंगा कर देते है। जिसे ऊंची कीमत पर खदीदना आम आदमी की मजबूरी होती है। लेकिन इस व्यवस्था के तहत सब्जियों के न्यूनतम दाम तय होंगे। किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने और उन्हें बिचौलियों से मुक्त कराने के लिए सरकार सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने की तैयारी कर रही है। सरकार किसानों से खरीदने के लिए किसी एजेंसी की मदद ले सकती है। एक्शन प्लान क्या होगा, शुरुआती दौर में किन सब्जियों को शामिल किया जाएगा इन सब बातों पर मंथन करने के बाद सरकार आगे की योजना बनाएगी। बता दें कि अब तक प्रदेश में सरकार किसानों से समर्थन मूल्य पर अनाज का क्रय करती थी, नई व्यवस्था के तहत सरकार अब सब्जी भी क्रय करेगी।