भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश आज 7 अगस्त को 7 वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (national handloom day) मना रहा है। इसी दिन 1905 में स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत हुई थी, कोलकाता के टाउन हॉल में एक विशाल जनसभा के साथ स्वदेशी आंदोलन की औपचारिक शुरुआत की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) ने स्वदेशी के महत्व को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 7 अगस्त 2015 को चेन्नई में कॉलेज ऑफ़ मद्रास के शताब्दी कॉरिडोर में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस की घोषणा की थी और तब से हर साल 7 अगस्त को ये मनाया जाता है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय हथकरघा दिवस की बधाई देते हुए कहा है कि जिस खादी को कभी भुला दिया गया था, वो आज नया ब्रांड बन चुका है। अब जब हम आज़ादी के 100 वर्ष की तरफ नए सफर पर निकल रहे हैं, तो आजादी के लिए खादी की उस स्पिरिट को हमें और मजबूत करना है। आत्मनिर्भर भारत के लिए, हमें लोकल के लिए वोकल होना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm narendra modi)ने राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर देश के नागरिकों को और खासकर बुनकरों को ट्वीट कर बधाई दी। प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकृत ट्विटर एकाउंट पर इससे सम्बंधित दो ट्वीट साझा किये गए हैं।
जिस खादी को कभी भुला दिया गया था, वो आज नया ब्रांड बन चुका है।
अब जब हम आज़ादी के 100 वर्ष की तरफ नए सफर पर निकल रहे हैं, तो आजादी के लिए खादी की उस स्पिरिट को हमें और मजबूत करना है।
आत्मनिर्भर भारत के लिए, हमें लोकल के लिए वोकल होना है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 7, 2021
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गांव, गरीब, आदिवासियों को सशक्त करने वाला एक और बड़ा अभियान देश में चलाया गया है।
ये अभियान हमारे हस्तशिल्प को, हथकरघे को, कपड़े की हमारी कारीगरी को प्रोत्साहित करने का है।
ये अभियान लोकल के प्रति वोकल होने का है।
इसी भावना के साथ आज देश राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मना रहा है: PM
— PMO India (@PMOIndia) August 7, 2021
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री एवं सरकार के प्रवक्ता डॉ नरोत्तम मिश्रा (dr narottam mishra) ने भी देश के नागरिकों को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस की बधाई दी है।
हथकरघा उद्योग से जुड़े भाई-बहनों,व्यापारियों व देशवासियों को 'राष्ट्रीय हथकरघा दिवस' की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं!
हथकरघा उद्योग भारत में एक अहम कुटीर उद्योग एवं व्यापार के रूप में उभरा है। देश के सामाजिक एवं आर्थिक सुधार में हथकरघा का महत्वपूर्ण योगदान है।#NationalHandloomDay
— Dr Narottam Mishra (Modi Ka Parivar) (@drnarottammisra) August 7, 2021
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बहुत खास है हथकरघा उद्योग
भारत के लोगों के लिए हथकरघा उद्योग आजादी से पहले से आजीविका सशक्त माध्यम बना हुआ है। देश में लाखों बुनकर इससे जुड़े हैं। ये देश का एक महत्वपूर्ण कुटीर उद्योग हैं। कथकरघा बुनकर रेशम, कपास और ऊन के समान उपयोग कर हाथ से बना स्वदेशी माल तैयार करते हैं। खादी इसका एक बहुत बड़ा उदाहरण हैं। मंत्रालय के मुताबिक हथकरघा उद्योग में महिलाओं की सहभागिता 70 प्रतिशत है। राष्ट्रीय हथकरघा दिवस बुनकरों को सम्मानित करने सामाजिक आर्थिक विकास में उनके योगदान को स्वीकार करने का दिन है।