कोरोना आपदा में आगे आये निजी अस्पताल, पेश की एक अनूठी मिसाल, दे रहे मुफ्त सेवाएं

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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कोरोना (Corona) संकट काल में जहां निजी अस्पतालों द्वारा लाखों के बिल, इंजेक्शन और दवाओं की कालाबाजारी (Black marketing ), मरीज के इलाज में लापरवाही जैसी नकारात्मक (Negative) ख़बरें सामने आ रहीं हैं वहीं इसी संकट काल में एक सुकून भरी सकारात्मक (Positive) खबर आ रही है। महामारी की इस घड़ी में ग्वालियर के 12 निजी अस्पतालों ने एक अनूठी मिसाल पेश की है। इन अस्पतालों ने जिला प्रशासन के आगे मदद के लिए हाथ बढ़ाते हुए उनके यहाँ उपलब्ध संसाधन और सुविधाएँ मुफ्त उपलब्ध कराने की पहल की है। कोरोना (Corona) महामारी के संकट काल में इस तरह से निजी अस्पतालों द्वारा पेश की गई इस मिसाल की सब तरफ तारीफ हो रही है।

ग्वालियर के 12 निजी अस्पतालों ने एक ऐसी मिसाल पेश की है जो दूसरों के लिए नजीर बन सकती है। कोरोना (Corona)  महामारी में जहाँ राजनेता आरोप प्रत्यारोप में व्यस्त हैं, समाज के दुश्मन कुछ अस्पताल और मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े कुछ लोग मरीज को लूटने के लिए  मोटेमोटे  बिल, दवा, इंजेक्शन आदि की कालाबाजारी में लगे हैं ऐसे में इस समाज का वो चेहरा सामने आया है जिसे वाकई सेल्यूट करने का दिल करता है।  ग्वालियर के 12 निजी अस्पतालों ने जिला प्रशासन से कहा है कि कोरोना (Corona) संकट की इस घड़ी में हमारा अस्पताल जनता के लिए खुला है। हमें एक पैसा नहीं चाहिए, उलटा हमारे यहां के संसाधन,स्टाफ सुविधाएँ मरीज के लिए उपलब्ध हैं। इन 12 अस्पतालों में से 6 एक्टिव भी हो गए हैं जबकि शेष 6 भी जल्दी ही एक्टिव हो जायेंगे।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....