जबलपुर, संदीप कुमार। दशहरा पर्व के पूर्व बोनस न दिए जाने से नाराज रेल कर्मियों ने मंगलवार को रेल मंडल कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। रेल कर्मियों का आरोप है कि इस साल फायदे में रहने के बावजूद भी रेल कर्मचारियों को बोनस ना देने के पीछे केंद्र सरकार साजिश रच रही है। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
मंगलवार की दोपहर को पश्चिम मध्य रेल जोन मजदूर संघ के द्वारा जबलपुर रेल मंडल कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया। रेल कर्मचारियों का आरोप है कि दशहरा पर्व के पूर्व बोनस दिए जाने की परंपरा 40 साल पुरानी है, लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण की आड़ में रेल मंत्रालय ने बोनस ना देने का निर्णय लिया है जो की पूरी तरह से गलत है। कोरोना संक्रमण काल के बाद में और उसके पहले भारतीय रेल ने अतिरिक्त लाभांश कमाया है और यह रेल कर्मचारियों की मेहनत से ही सफल हो सका है। क्षमता से ज्यादा काम करने के बावजूद रेल मंत्रालय कोरोना संक्रमण की आड़ लेकर कर्मचारियों को बोनस देने से पीछे हट रहा है। रेल मंत्रालय का यह निर्णय पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी है, जिसका रेल कर्मचारियों की दोनों यूनियन अपना विरोध जता रही है। मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने इस दौरान रेल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रखने का निर्णय लिया जब तक रेल मंत्रालय बोनस देने की घोषणा नहीं कर देता है।
विरोध प्रदर्शन कर रहे रेल कर्मियों ने अब सभी स्टेशनों पर सिलसिलेवार ढंग से प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। पश्चिम मध्य रेल जोन मजदूर संघ के मंडल अध्यक्ष एसएन शुक्ला का आरोप है कि देश में मार्च माह से कोरोना वायरस संक्रमण फैला था और उसके बाद ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया था। इसके बाद सितंबर माह से रेल यातायात को फिर से शुरू किया गया था। कोरोना संक्रमण काल को छोड़ दिया जाए तो शेष समय में भारतीय रेलवे ने अतिरिक्त लाभ कमाया है, जिसकी घोषणा रेल मंत्रालय के द्वारा की गई है। लाभ होने के बावजूद कर्मचारियों के बोनस को ना बांटा जाना न्याय संगत नहीं है, इसका पुरजोर विरोध जारी रहेगा।