पुलिस कॉन्स्टेबल पर शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण का आरोप, ASP ने दिए जांच के निर्देश

Gaurav Sharma
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रायसेन, डेस्क रिपोर्ट

जिले में एक पुलिस आरक्षक पर शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने का आरोप लगा है। पीड़ित युवती परिजनों के साथ एसपी ऑफिस पहुंची और कारवाई की मांग कर रही है।

बताया जा रहा है कि जिला मुख्यालय पर पुलिस लाइन में पदस्थ नरेंद्र रजक पर बैतूल निवासी युवती ने शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया है। युवती का कहना है कि पुलिस आरक्षक ने उसे 4 महीने अपने साथ रूम पर भी रखा और शादी करने की बात को लेकर शारीरिक शोषण करता रहा, लेकिन अब वो शादी से इंकार कर रहा है। पुलिस आरक्षक नरेंद्र रजक मुरैना जिले का निवासी बताया जा रहा है।

टीआई को कार्रवाई के निर्देश
पूरे मामले में एएसपी अमृत मीणा ने बताया कि युवती के अनुसार पिछले 2 सालों से दोनों के लिविंग रिलेशन थे। आरक्षक ने पहले युवती से शादी करने की बात कही थी, अब किसी और से शादी करने जा रहा है। इस पूरे मामले पर कोतवाली टीआई को आगे की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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