राजगढ़।
राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता के थप्पड़कांड के बाद सियासी पारा चरम पर है।नेताओं में बयानबाजी का दौर तेजी से चल रहा है। अब कमलनाथ सरकार में सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। गोविंद सिंह का कहना है कि कलेक्टर के पास लाठीचार्ज और गोली मारने का अधिकार है, न कि थप्पड़ मारने का।
मीडिया से चर्चा करते हुए गोविंद सिंह ने कहा कि कलेक्टर जैसे जिम्मेदारी भरे पद पर बैठे अधिकारी को थप्पड़ मारने जैसा कृत्य नहीं करना चाहिए।कलेक्टर पूरे जिले का दंडाधिकारी होता है और उसके आदेश पर कार्रवाई होती है। अगर कोई हिंसा करता है तो कलेक्टर के पास लाठीचार्ज, यहां तक कि गोली चलाने का भी अधिकार है। ऐसे में खुद कलेक्टर को थप्पड़ नहीं मारना चाहिए था। हालांकि बाद में उन्होंने इसे अपना व्यक्तिगत विचार बताया।
क्या था पूरा मामला
नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा में रैली निकाल रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की कलेक्टर निधि निवेदिता से झड़प हो गई थी। कलेक्टर ने प्रदर्शनकारियों से ब्यावरा के कुछ इलाकों में धारा 144 लागू होने का हवाला दिया था। जिससे आक्रोशित भाजपा कार्यकर्ता नारेबाजी करने लगे।इससे नाराज कलेक्टर निधि निवेदिता ने भाजपा जिला मीडिया प्रभारी रवि बड़ोने को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद भी जब भीड़ ने नारेबाजी कम नहीं की तब उन्होंने एक पुलिसकर्मी का डंडा लेकर भीड़ को धक्का मारने लगीं। कलेक्टर ने रैली की अगुवाई करते हुए तिरंगा लेकर चल रहे राजगढ़ के पूर्व विधायक अमरसिंह यादव के साथ भी धक्कामुक्की की।कलेक्टर को एक्शन में देखकर डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा ने भी भीड़ से लोगों को पकड़कर पुलिस को सौंपने लगीं। तभी उनके साथ भीड़ ने अभद्रता कर दी। जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस कार्रवाई में कई भाजपा कार्यकर्ता घायल हो गए।