राजगढ़।
मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में पुलिस की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। यहां पुलिस ने मारपीट और गाली गलौज मामले में बिना जांच किए नाबालिग पर केस दर्ज कर लिया। जब पुलिस को मालूम हुआ बच्चे की उम्र छह साल है तो अब पुलिस उसे अपनी गलती मानकर बाल न्यायालय में खात्मा करने की बात कह रही है।बता दे कि नियम के मुताबिक 12 साल से कम के बच्चे पर मामला दर्ज नही किया जा सकता ।
मिली जानकारी के अनुसार, एक दिन पहले गांव के दो बच्चे खजूर तोडऩे गए थे। तभी वहां मासूम खजूर के लिए पत्थर फेंका तो वहीं पास में खड़े दूसरे मासूम को चोट लग गई। उसे परिजन थाने लेकर पहुंचे और उन्हीं की शिकायत पर पुलिस ने केस भी दर्ज कर लिया। बकायदा मासूम का मेडिकल करवाया गया और चोट के आधार पर केस दर्ज किया गया।
बिहोरा पुलिस स्टेशन के इंचार्ज डीपी लोहिया ने बताया कि पांच साल के बच्चे की मां बुधवार को एफआईआर दर्ज कराने के लिए आईं। उन्होंने आरोप लगाया कि एक लड़के के उनके बेटे को पत्थर से मारा और उसे गालियां दी। मेडिकल परीक्षण के बाद हमने भारतीय दंड संहिता की धारा 323 और 294 के तहत मामला दर्ज कर लिया। बाद में महिला ने हमें बताया कि आरोपी बच्चे की उम्र 12 साल है।वही बच्चे के पिता का कहना है कि दोनों खजूर तोड़ने गए थे ,इस दौरान पत्थर लग गया और उसकी मां ने इस बड़ा मुद्दा बनाकर केस दर्ज करवा दिया। लोहिया का कहना है कि बच्चा छह साल से बड़ा ही है लेकिन प्रार्थी के पिता ने गलत जानकारी पुलिस को दी। उन्होनें आरोपी बच्चे की उम्र 13-14 साल बताई। इसी आधार पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। अब मामला बाल न्यायालय पहुंच जाएगा, वहीं खात्मा भी हो जाएगा।
वही वकील अनंत अस्थाना का कहना है कि यह पुलिस की गलती है। अब पुलिस को किशोर न्याय बोर्ड में एक आवेदन जमा कराना होगा। जिसमें यह बताना होगा कि उसने एफआईआर दर्ज क्यों की। अब बोर्ड तय करेगा कि एफआईआर को खारिज करना है या किशोर न्याय अधिनियम की उचित धाराओं में मामला दर्ज करना है।