Rajgarh News : राजगढ़ जिले में बाघेश्वर धाम के पीठाधीश पण्डित धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री की तीन दिवसीय हनुमन्त कथा का समापन हुआ। जिसके बाद भण्डारे का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और प्रसाद ग्रहण किया। बता दें कि कथा के अंतिम दिन सुबह से ही भारी संख्या में लोग खिलचीपुर खेल मैदान पहुँचे। साथ ही, हनुमंत कथा का श्रवण किया। देर रात्रि तक धीरेन्द्र शास्त्री की एक झलक पाने को सड़कों पर लोगों की भारी भीड़ देखी गई।
अध्यक्षों के साथ की बैठक
धीरेन्द्र शास्त्री ने कथा के अंतिम दिन 73 समाजों के अध्यक्षों के साथ बैठक की। जिसमें उन्होंने जातिगत भेदभाव को मिटाकर एकता के सूत्र में पिरोनी की बात कही और सभी को जातिवाद को मिटाने का संकल्प दिलाया। उन्होने कहा कि विदेशी ताकते प्रायोजित ढंग से भारत में जहर फैला रही है। हिन्दुओं को एक होना होगा। हम जाति पर बिल्कुल भरोसा नहीं करते हैं। हम केवल सद्भावना पर भरोसा करते हैं। हमारा प्रण है कि हिन्दु राष्ट्र एक हो, सभी हिन्दु एक हो। हमारे पीछे तो विरोधी लगे हैं। हमें यह भी पता है कि हमें एक दिन बोल्ड आउट होना है लेकिन जब तक एक धीरेन्द्र शास्त्री को मिटाऐंगे, तब तक घर-घर धीरेन्द्र कृष्ण की यात्रा प्रारंभ कर देंगे।
यूनिफार्म सीविल कोड को लेकर दिया बयान
पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने मीडिया से बात करते हुए यूनिफार्म सिविल कोड को लेकर बयान दिया है। उन्होने कहा कि एक देश, एक संविधान और एक कानून की जरूरत देश को है। जो लोग यूनिफार्म सिविल कोड का विरोध कर रहे हैं, वे देश में एकता नहीं चाहते। देश में एक कानून होगा तो सामाजिक समरसता भी होगी। साथ ही, देश में इस कानून के आने से कुप्रथा की खाई भी मिटेगी।
खिलचीपुर विधायक ने तलवार की भेंट
हनुमंत कथा के तीसरे दिन भाजपा जिलाध्यक्ष ज्ञानसिंह गुर्जर ने पण्डित धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री को साफा बाँधकर चाँदी का नारीयल भेंट किया। वहीं, देर रात्रि में खिलचीपुर विधायक प्रियव्रतसिंह के निमंत्रण पर पण्डित धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री राजमहल खिलचीपुर पहुँचे, जहाँ विधायक ने चरण वन्दन कर सत्कार किया। इस अवसर पर विधायक प्रियव्रतसिंह ने पण्डित धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री को तलवार भेंट की एवं राजमहल का पुस्तकालय दिखाया। देर रात्रि भक्तों की भारी भीड़ राजमहल उनकी एक झलक पाने को इंतजार करती रही। इसके बाद पण्डित धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री का काफिला बाघेश्वर धाम के लिये विदा हुआ।
राजगढ़ से जितेन्द्र राठौर की रिपोर्ट