राजगढ़ : गैंग रेप का मामला दर्ज करवाना महिला को पड़ा महंगा, जानें कैसे

Amit Sengar
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राजगढ़, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश में आज दिन रेप की घटना होती रहती है जिसमें से कई कि शिकायत थानों में होती और कई बदनामी के डर से शिकायत दर्ज ही नहीं होती हैं, जबकि राजगढ़ से ऐसा मामला आ रहा हैं, जहाँ महिला ने गैंग रेप की शिकायत की फिर अपने बयान से पलट गई जिसके चलते कोर्ट ने महिला को 10 साल की सजा सुनाई है।

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हम आपको बता दें कि जिले के जीरापुर थाने में 38 साल की महिला ने 8 जून 2008 को चार लोगो के खिलाफ गैंगरेप करने का मामला दर्ज करवाया था, जिसमें दो को गिरफ्तार किया और घटना के बाद दो आरोपी मौके से फरार हो गए थे, वही दो आरोपियों पर न्यायालय में चालान पेश कर प्रकरण विशेष न्यायालय में एससी एसटी एक्ट में भेजा गया था, वही फरार चल रहे दो आरोपियों को पुलिस द्वारा कुछ दिनों बाद गिरफ्तार कर न्यायालय में चार्जशीट पेश की गई, जिसके बाद कोर्ट में महिला को बयान के लिए तलब कर बयान लिए गए, उस दौरान महिला ने गैंगरेप की घटना से इनकार कर दिया और जमीन की मेढ़ के लिए झगड़े की रिपोर्ट करने की बात बताई। जिसके बाद महिला को पक्ष विरोधी घोषित कर न्यायालय ने आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया और राजगढ़ द्वितीय न्यायालय अपर सत्र न्यायधीश राघवेंद्र श्रीवास्तव नए प्रकरण में महिला को धारा 195 भादवि में 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं धारा 211 भादवि मैं 3 वर्ष के कठोर कारावास एवं दो हजार रुपये जुर्माने से दण्डित किया। शासन की और से इस मामले की पैरवी शासकीय अभिभाषक जेपी शर्मा एवं जिला अभियोजन अधिकारी आलोक श्रीवास्तव ने की।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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