Rajgarh News : तिरंगे झण्डे को देख पण्डित धीरेन्द्र शास्त्री ने दी सलामी, कहा – अंग्रेजों के मस्तक पर तिलक भी लगाऐंगें, सीताराम भी कहलवाऐंगे

Rajgarh News : राजगढ़ जिले में बाघेश्वर धाम की कथा के दूसरे दिन मंगलवार का दिव्य दरबार लगा। जिसमें बाघेश्वर धाम सरकार ने भक्तों की अर्जियाँ लगाई और लोगों के पर्चे बनाकर उनकी समस्या सुनी व निराकरण के उपाय बताये। दिव्य दरबार में सुबह से ही भक्तों की भीड़ भारी संख्या में एकत्रित हो गई थी। दिव्य दरबार के बीच हल्की बारीश भी हुई। बारीश के बावजूद विशाल जनसैलाब दिव्य दरबार देखने पहुँचा। लोग बारीश में भिगते हुए खड़े रहकर दिव्य दरबार में बड़ी संख्या में पहुँचे। पण्डित धीरेन्द्र दोपहर 12 बजे करीब दिव्य दरबार में पहुँचे और बारी-बारी से भक्तों को बुलाकर उनकी अर्जियाँ सुनी व पर्चे बनाये। 3 घण्टे से अधिक समय तक तक दिव्य दरबार लगा।

अर्जी लगाने आया भक्त, गमछा मांगकर ले गया

दिव्य दरबार में पहली अर्जी सीहोर जिले के पंकज नाम भक्त की लगी। पंकज ने मंच पर कहा, कि मैं यहाँ पाण्डाल में बैठा-बैठा हनुमान चालीसा का पाठ कर रहा था। मैंने यहाँ 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ किया, तब जाकर मेरी अर्जी लगी। पर्चा बनने के बाद भक्त ने बाघेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री से उनका गमछा मांगा, तो सहर्ष उन्होने भक्त को गमछा दे दिया। इसके अलावा कई श्रद्धालु महिलाऐं व बीमार दु:खी भी अपनी अर्जी लगाने पहुँचे। अंत में धीरेन्द्र शास्त्री ने सभी की सामुहिक अर्जी भी लगाई। कार्यक्रम के बीच तनु नाम की बालिका ने पण्डित धीरेन्द्र शास्त्री को स्वयं के द्वारा बनाई गई पेन्टिंग देकर आशीर्वाद लिया।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”