Women’s day: संघर्ष और बुलंद हौसले से लिखी सफलता की नई इबारत, मिसाल बनी ‘अनार बाई’

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राजगढ़ । मनीष सोनी । ये कहानी है मध्यप्रदेश के राजगढ़ की रहने वाली अनार बाई की, महिला कारीगर है और वे खुद बेहद फिनिशिंग से मकान बनाती है । बेहद ग़रीब परिवार से ताल्लुक़ रखने वाली अनार बाई, महिलाओ  के लिए एक मिसाल बन गई हैं। अपनी मेहनत और मज़बूत इरादों से उन्होंने पूरे परिवार की तस्वीर बदल दी है और 25 साल से घर चला रही है ।

राजगढ़ जिले के संकटमोचन कालोनी में रहने वाली अनार बाई ग़रीबी के मारे ऐसे ही गांव में बरसों पहले ब्याह कर आईं थी|  अनार बाई के पति कालू सिंह तंवर मकान बनाने वाले कारीगर थे , ओर जब पति कालू सिंह मकान बनाने जाते थे तो, कभी कभी अनार बाई भी पति के इस काम मे हाथ बटाने उनके साथ चली जाती थी|  25 साल पहले बीमारी के चलते अचानक उनके पति कालू सिंह की मृत्यु हो गई और अनार बाई पर परिवार की ज़िम्मेदारी आ गई थी। अनार बाई के उस वक़्त 3 छोटे छोटे बच्चे थे, उनकी पढ़ाई-लिखाई ओर परिवार के भरण पोषण की चुनोती उनके सामने थी, उनकी जगह ओर कोई महिला होती तो शायद टूट जाती, मगर  बुलंद हौसलों वाली अनार बाई ने  घर-बार संभाल लिया ओर अपने पति से सीखे मकान निर्माण कार्य को करते हुए उन्होंने अपने परिवार को चलाया| 

पहले मजबूरी थी, अब शोक बना हुनर 

आज राजगढ़ में वे मकान निर्माण करने वाली बहुत अच्छी महिला कारीगर है, ओर उनके पास काम की कोई कमी नही है| उनके लड़के भी मकान निर्माण के लिए ठेकेदार बन गए है , लेकिन अनार बाई का कहना है कि लोगो के मकान बनाना अब उनका शोक बन गया है । पहले वो परिवार को चलाने के लिए कारीगरी का कार्य करती थी आज जब बच्चे बड़े हो गए परन्तु आज भी वे इस कार्य को अपनी दिनचर्या में बनाये हुए है | क्योंकि अब यह कम उनका शौक बन गया है और वो अन्य महिलाओं के सामने उदहारण पेश कर रही है कि जिंदगी के इस मुकाम पर भी आप अपने कार्य को अपना शौक बना सकती है  और उन युवा महिलाओं के लिए भी उदारहण पेश कर रही है कि जिंदगी की मुश्किलों से परेशान होकर जिंदगी न जीना भूले बल्कि जो काम आप   कर रही है उसे अपना शोक बना सकती है और जिंदगी अच्छे से गुजार सकती है।


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