राजगढ़।
देश की परम्परा के अनुसार पत्नी के लिए उसका पति भगवान का स्वरुप होता है। हालांकि आज के समय में अनेकों घटनाए इस बात से उलट साबित होती हैं। परन्तु मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा शहर से एक नवदाम्पत्य के जीवन की शुरुवात कुछ इस तरह से हुई कि वह अनेक लोगों के लिए मिसाल बन गई।
दरअसल, विदिशा निवासी दीप्ति की शादी ब्यावरा निवासी दिलीप सक्सेना से 11 जून को तय हुई थी। दूल्हा अपनी ही शादी के कार्ड बांटने के दौरान मोटरसाइकिल से फिसलने के कारण घायल हो गया एवं दाएं पैर में फ्रेक्चर हो गया। इसके बाद उपचार के लिए भोपाल के अस्पताल में उसे भर्ती करा दिया गया। डरे और दुखी माता-पिता अस्पताल में ही थे, लेकिन दुल्हन दीप्ति ने बिना किसी चिंता के सीधे शादी करने की बात रख दी।
फ्रेक्चर हो जाने के कारण शादी की रस्मों के लिए घायल दूल्हे को व्हीलचेयर पर बैठाकर ही पूरा कराया एवं दुल्हन ने सात फेरे भी इसी स्थिति में उसके साथ लिए। दीप्ति के इस निर्णय की हर जगह तारीफ़ की जा रही है। दीप्ति ने दिलीप व्हीलचेयर खुद धकाई। उसकी इस पहल से समाज को नई दिशा मिली है।
दीप्ति का मानना है कि रिश्ते दिल से निभाए जाते हैं, ये सीधे आत्मा का कनेक्शन होता है। किसी के चेहरे या शरीर से कोई फर्क नहीं पड़ता। मैंने स्वेच्छा से यह निर्णय लिया है, मैं सभी से यही कहना चाहूंगी कि अपने रिश्ते को अहमियत दें, जीवन में उतार-चढ़ाव तो आते रहते हैं। वही दिलीप सक्सेना ने इसे बड़ा निर्णय बताया और कहा कि दिल को जीत लिया है।