राजगढ़
राजगढ़ जिले के मलावर थाना पुलिस से प्रताड़ना से तंग आकर युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक रामस्वरूप ने पुलिस से तंग आकर आत्म हत्या के पहले वीडियो जारी कर आपबीती सुनाई।
क्या है पूरा मामला
राजगढ़ जिले के मलावर थाना पुलिस ने गोलू नामक युवक को एक नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किया था । आरोपी युवक गोलू घटना के समय अपने मामा रामस्वरूप की बाइक मांगकर ले गया था। आरोप है कि बाइक रामस्वरूप की होने पर मलावर थाने के asi अवध नारायण शर्मा ने रामस्वरूप से 5 लाख रूपय की मांग की थी, कुछ रुपये तो ले भी लिए थे, रूपयों के लिए रामस्वरूप से मारपीट की गई और पुलिस उसे केस में फंसाने की धमकी दे रही थी। रामस्वरूप ने प्रताड़ना से तंग आकर खुदका वीडियो रिकार्ड किया और आत्म हत्या कर ली।
घटना के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस ने मृतक का पीएम करवाकर मर्ग कायम कर लिया है।मृतक के परिजनों ने पुलिस अधीक्षक के नाम मृतक के साथ मारपीट, झूठे केस में फंसाने, रुपये की मांग व पुलिस प्रताड़ना से तंग आकर फाँसी लगाने की शिकायती आवेदन देकर उचित कार्यवही की मांग करते हुए धरना दे दिया। मौके पर पहुचे एडिशनल एसपी ने शिकायत व वीडियो को देख कार्यवाही करते हुए मलावर थाना प्रभारी व एसआई को तत्काल निलबिंत कर दिया है। युवक का शव रखकर परिजनों ने सिविल अस्पताल ब्यावरा के पीएम रूम में जमकर हंगामा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि थाना प्रभारी नरेंद्र गुर्जर और एएसाई अवधनरायण शर्मा के कारण युवक ने आत्महत्या की।
बाद में मौके पर कांग्रेस नेता रामचंद्र दांगी, विधायक गोवर्धन दांगी सहित अन्य लोधा समाज के लोग भी पहुंचे। जिन्होंने पुलिस पर कार्रवाई की मांग की। तीन थाना प्रभारियों और एसडीओपी की भी बात किसी ने नहीं मानीं, बाद में पहुंचे एडिशनल एसपी नवलसिंह सिसौदिया ने खूब समझाया लेकिन नहीं माने। आखिर में थाना प्रभारी और एएसआई को निलंबित करने के बाद ही वे उठे।
कांग्रेस नेता और थाना प्रभारी में तनातनी, धरने पर बैठे
पीएम रूम के बाहर जमा हुए मृतक के परिजनों के साथ कांग्रेस नेता रामचंद्र दांगी सहित अन्य भी पहुंचे। इस बीच उनकी थाना प्रभारी नरेंद्र गुर्जर से जमकर तनातनी हो गई। दांगी ने कहा कि तुम थाने में बैठकर अन्याय कर रहे हो और लोग मर रहे हैं। ऐसे कैसे आप लोग पैसे ले सकते हो? इस पर गुर्जर ने कहा कि मैं घटना के दौरान थाने में था ही नहीं, आप जबरन के आरोप नहीं लगाएंगे, ऐसे नहीं बात करेंगे मुझसे? हम किसी को नहीं डरा रहे? इस प्रकार दोनों पक्षों में देर तक तनातनी चलती रही।
वायरल वीडियो के अंश
युवक ने अपने वीडियो में कहा है- “मैं मर रहा हूं, मेरे भाइयों को कुछ हुआ तो मोदी सरकार जानें!” फांसी लगाने से पहले नाबालिग रामस्वरूप द्वारा बनाया गया वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इसमें वह कह रहा है कि मलावर थाने के शर्मा पुलिस वाले, बीईओ और देवीससिंह सरपंच ने रुपए मांगे, मुझे टॉर्चर किया। 30 हजार लिए खाने के लिए ले लिए बाकी पांच लाख और मांगे। मैं कहां से दूं इसलिए मैं अब मरने की सोच रहा हूं। मेरे घर वालों को दिक्कत देने की जरूरत नही है, उनकी कोई गलती नहीं है।
घर वालों ने मुझसे कहा- पांच लाख लग चुके हैं और पांच और लग जाएंगे, जमीन बिक जाएगी और क्या होगा? मैंने सोचा जमीन बिक जाएगी तो मेरे भाई क्या खाएंगे? इसलिए मैंने मरने की ठानी है, मेरे भाई को दिक्कत नहीं आनी चाहिए? यदि ऐसा हुआ तो मोदी सरकार जानें? मुझे बहुत टॉर्चर किया गया इसीलिए मैं यह करने जा रहा हूं। एक अन्य वीडियो में उसने कहा कि पांच लाख रुपए ले लिए गए बाकी के पांच लाख देने की धमकी दी। मेरी गाड़ी मोबाइल रख लिए। मुझे पुलिस ने मारा भी।
मैं पांच लाख देते वक्त रिकॉर्डिंग कर रहा था तो पुलिस ने मोबाइल छुड़ा लिया और मुझे मारा। उन्होंने कहा कि पांच और दे देना तब नाम हटा देंगे, मेरे भाई गोलू को जेल भेज दिया और मुझे 10 लाख देने का कहा। आप जितने भी ग्रुप वाले हैं मोदी और शिवराज तक यह पहुंचा दें, कुछ भी कर के मेरे घर वालों को 10 लाख तक की दंड भरवाइए, उन्हें शासन से राशि दिलवाइए।
दोनों को निलंबित कर दिया
एडिशनल एसपी नवलसिंह सिसौदिया का कहना है कि मामला 376 का एक केस आरोपी का यह रिश्तेदार था। इसकी बाइक घटना में उपयोग हुई है, इसीलिए उसे बुलाया गया था। नाबालिग के वॉयरल वीडियो को देखकर प्रथम दृष्टया लग रहा है कि पुलिस से चूक हुई है। ऐसे में हमने एएसआई शर्मा को निलंंबित किया है। साथ ही जांच होने तक थाना प्रभारी को निंलबित कर दिया है।
यहां हम आपको दिखा रहे हैं वो वीडियो जो युवक ने खुदकुशी से पहले बनाया था-